Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ केवल धार्मिक पुस्तकों को या धार्मिक पत्रिकाओं को ही ज्ञान न समझें परन्तु जिसमें एक अक्षर भी लिखा हो ऐसी व्यवहारिक पुस्तकें-समाचार पत्र, कॉपी-पेन आदि ज्ञान के साधनों को भी ज्ञान रूप ही समझें / उनकी भी आशातना-विराधना न करें। 1. पुस्तक, सादा कागज, कॉपी, पेन, पेंसिल आदि को जमीन पर न रखें / 2. अक्षर वाली कोई भी वस्तु साथ में लेकर खाएँ-पीएँ नहीं / बाथरूम या लैट्रिन में न लेकर जाएँ / अक्षर वाले कपड़े खरीदें नहीं / पहने भी नहीं / बूट-चप्पल पर रहे अक्षरों को दूर कर दें। रुपये, सिक्के को दूर करके खाएँ-पीएँ, बाथरूम आदि में जाएँ। 3. कागज, पुस्तकादि पर पाँव न रखें / 4. ज्ञानी तथा ज्ञान के साधनों को थूक न लगाएँ / किताब आदि पढ़ते समय मुख के आगे रूमाल या हाथ रखें ताकि पुस्तक आदि पर थूक न जाए / कवर को बन्द करते समय पानी या गून्द का प्रयोग करें / चिट्ठी पर टिकिट लगाते समय भी थूक न लगाएँ / 5. पुस्तक के पेज को जल्दी से पलटते हुए तथा रुपये के नोटों को भी जल्दी से गिनते हुए हाथ पर थूक न लगाकर पानी का उपयोग करें / 6. पेन-पेंसिल को मुख में न डालें / 7. एम.सी. के समय बहनों को स्कूल-कॉलेज की पुस्तकों को नहीं पढ़ना चाहिए / अखबार भी नहीं पढ़ना चाहिए / 8. अभ्यास कर रहे व्यक्ति को अन्तराय नहीं करना चाहिए / बल्कि सहायता करनी चाहिए / 159