Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji

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Page 222
________________ अपयश नाम कर्म - धवल सेठ, कोणिक अशुभ शरीर नाम कर्म - मृगा लोढिया सुरभि नाम कर्म - गुलाब का फूल दुर्गन्ध नाम कर्म - सड़ा हुआ कलेवर मधुर रस नाम कर्म - गन्ना आदेय नाम कर्म - भगवान पार्श्वनाथजी उज्ज्वल वर्ण नाम कर्म - चन्द्रमा स्थिर नाम कर्म - दाँत स्थावर नाम कर्म - वृक्ष जिन नाम कर्म - तीर्थंकर पद गति नाम कर्म - 4 गति में से एक आदि / प्रश्न- 146. सबसे अधिक भेद किसको ? इस प्रकार आठों कर्मों में से सबसे अधिक भेद नाम कर्म के हैं / क्योंकि अलग-अलग प्रकार के जीवों के शरीर की रचना में जो अनेक प्रकार की विविधता-विलक्षणता दिखाई देती है वह सब नाम कर्म के कारण ही है / क्योंकि शरीर सम्बन्धी जितने भी कार्य दृष्टिगोचर होते हैं वह सभी नाम कर्म के ही प्रभाव से है / हड्डियों की मजबूती, शरीर के आकार की रचना अंगोपांग आदि नाम कर्म का ही उपकार है / इसीलिए सबसे अधिक भेद इसी कर्म के उत्तर 208

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