Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ उत्तर उत्तर भौतिक सुख-दुःख को लाने वाला है / वह सुख पराधीन है / किसी न किसी साधन-सामग्री की सहायता से ही सुख का अनुभव किया जा सकता है | ऐसे सुखों को भौतिक सुख कहा जाता है | प्रश्न- 92. वेदनीय कर्म के कितने भेद हैं ? वर्णन करें / वेदनीय कर्म के दो भेद हैं / 1. साता वेदनीय- जिस कर्म के उदय से जीव को अनुकूलता एवं सुख सामग्री की प्राप्ति हो उसे साता वेदनीय कहते हैं | 2. असाता वेदनीय- जिस कर्म के उदय से जीव को दुःख की प्रतिकूलता- रोग आदि प्राप्ति हो उसे असाता वेदनीय कहते हैं / प्रश्न- 93. किस-किस ने अपने जीवन में दुःखों को पाया ? अंजना सुन्दरी ने 22-22 वर्ष तक पति वियोग पाया / महासती सीता का जीवन कितना दुःखमय रहा / जन्मते ही भाई भामण्डल का वियोग हुआ / बड़े होने पर भाई भामण्डल सीता के प्रति मोहित बना / राजकुमार रामचन्द्र के साथ विवाह होने के बाद वन में जाने का समय आया / रावण को हराकर रामचन्द्रजी सीता को अयोध्या ले आये / वहाँ पर किसी ने कलंक लगा दिया / लव-कुश अभी गर्भ में थे, जंगल में हिंसक पशुओं के बीच छोड़ा गया / लव-कुश का रामचन्द्रजी के साथ मिलाप होने के पश्चात् अग्नि 180