Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ उत्तर परीक्षा में पसार होने का समय आया / महासती के जीवन में कैसी दुःखद घटमाला | इतने सारे दुःखों को सीता के जीवन में कौन लाया ? इन दुःखों को लाने वाला अन्य कोई नहीं-वेदनीय कर्म ! क्षण में सुखी और क्षण में दुःखी करने वाला-वेदनीय कर्म / प्रश्न- 94. जीवन में साता वेदनीय कर्म का बन्ध कैसे होता है ? प्रत्येक व्यक्ति जीवन में सुख चाहता है। उस सुख की प्राप्ति निम्नलिखित कार्यों से होती है / 1. दूसरों को सुख-अनुकूलता देने से / 2. दूसरों की सहायता करने से / 3. दूसरों के साथ प्रेमपूर्वक का व्यवहार करने से / 4. माता-पिता-गुरु की भक्ति करने से / 5. क्रोध का निमित्त मिलने पर भी समभाव रखने से / 6. प्रत्येक प्राणी पर दयाभाव रखने से / . 7. व्रतों का पालन करने से / 8. सुपात्रदान-अनुकम्पा दान-अभयदान आदि करने से / 9. आपत्ति आने पर भी नियम-धर्मानुष्ठान करने से / इन सभी सत्कार्यों से साता वेदनीय कर्म का बन्ध होता है | प्रश्न- 95. दुख देने वाला असाता वेदनीय का बन्ध कैसे होता है ? उत्तर- शाता वेदनीय बन्ध के कारणों से विपरीत कारणों द्वारा जीव असाता वेदनीय कर्म बान्धता है / इसके अतिरिक्त अन्य भी कारण हैं | 1. गुरु की आशातना करने से / जैसे गौशालक ने प्रभु वीर पर 181