Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji

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Page 211
________________ उत्तर उत्तर प्रश्न- 124. अनपवर्तनीय आयु किस-किस की होती है ? अनपवर्तनीय (निरुपक्रमी) आयुष्य 63 शलाका पुरुष (24 तीर्थंकर + 12 चक्रवर्ती + 9 वासुदेव + 9 प्रतिवासुदेव + 9 बलदेव) देवता-नारकी-अकर्म भूमि के मनुष्य युगलिक मनुष्य तथा तिर्यंच ये सभी अपनी सम्पूर्ण आयुष्य को भोगते हैं। प्रश्न- 125. द्रव्यायुष्य और कालायुष्य किसे कहते हैं ? कोई भी जीव जितनी आयु लेकर आता है उसे प्रतिपल थोड़ी-थोड़ी भोगकर आत्मा पर से आयुष्य कर्म के दलिकों को दूर करके सम्पूर्ण आयु को भोगा तब द्रव्यायुष्य और काल आयुष्य दोनों को एक साथ पूर्ण करता है / परन्तु कभी दुर्घटना से, आत्महत्या करने से, गले में फन्दा डालकर मर जाने से, जहरीली दवा खाने से जो मरण हुआ उस में द्रव्यायुष्य पूर्ण करता ही है / द्रव्यायुष्य पूर्ण किए बिना किसी की भी मृत्यु नहीं होती / परन्तु कालायुष्य पूर्ण भोगा भी जाता है और नहीं भी / आघात-आपघात न आए तो कालायुष्य को पूर्ण भोगकर ही मृत्यु को पाता है | प्रश्न- 126. किन-किन कारणों से आयु टूटती है ? उत्तर- आयु के टूटने को शास्त्रकार भगवन्त उपक्रम कहते हैं / वह उपक्रम सात प्रकार से हैं। 1. अध्यवसाय, 2. निमित्त, 3. आहार, 4. वेदना, 5. पराघात, 6. स्पर्श, 7. श्वासोश्वास / प्रश्न- 127. सात प्रकार के उपक्रमों की व्याख्या समझाएँ ? 1. अध्यवसाय अर्थात् आत्मा में उत्पन्न होने वाले संकल्प-विकल्प को अध्यवसाय कहते हैं / वह विकल्प तीन कारणों से उत्पन्न होते उत्तर 197

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