Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ उत्तर को अनेक प्रकार के अनुभव से जो बुद्धि उत्पन्न होती है उसे पारिणामिकी बुद्धि कहते हैं / जैसे वजस्वामीजी की / प्रश्न- 48. श्रुत निश्रित मतिज्ञान किसे कहते हैं ? किसी भी निमित्त को पाकर जो ज्ञान होता है उसे श्रुत निश्रित कहते हैं। प्रश्न- 49. मतिज्ञान के कुल कितने भेद हैं ? उत्तर- मतिज्ञान के मुख्य रूप से 28 भेद हैं / अगर इन सभी भेदों को सूक्ष्म रूप से बहु-अबहु, बहुविध-अबहुविध आदि 12 भेदों से गुणाकार किया जाए तो 336 भेद होते हैं तथा चार प्रकार की बुद्धि मिलाने से 340 भेद बनते हैं। प्रश्न- 50. ज्ञान का दूसरा भेद कौन-सा ? वर्णन करें ? उत्तर ज्ञान के दूसरे भेद का नाम है श्रुतज्ञान इसके मुख्य रूप से 14 तथा 20 भेद हैं। प्रश्न- 51. श्रुतज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तर- 1. पाँच इन्द्रियाँ तथा मन की सहायता से शब्दों को सुनने. .. पढ़ने-लिखने से जो अर्थ का ज्ञान होता है उसे श्रुतज्ञान कहते 2. शास्त्रों का अभ्यास करने से, प्राप्त हुए ज्ञान को श्रुतज्ञान कहते 3. श्रुतज्ञान मतिपूर्वक ही होता है / प्रश्न- 52. श्रुतज्ञान की विशेषताएँ बताएँ / उत्तर- पाँचों ज्ञान में श्रुतज्ञान प्रमुख माना गया है / यह दीपक के समान 164