Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ जितना एकत्रित हो सका उतना किया / इस प्रकार करने से 11 अंग एकत्रित हुए परन्तु बारहवाँ दृष्टिवाद किसी को याद नहीं रहा / प्रश्न- 56. चौदह पूर्व किस अंग के भेद हैं ? उत्तर- अन्तिम बारहवें अंग दृष्टिवाद में चौदह पूर्व का समावेश होता है / प्रश्न- 57. चौदहपूर्वी कौन-कौन से हुए ? उत्तर- जम्बूस्वामी, प्रभवस्वामी, स्थूलिभद्रजी आदि तक महापुरुष चौदहपूर्व ज्ञान के स्वामी थे, यह श्रुतकेवली कहे जाते हैं / प्रश्न- 58. उपांग किसे कहते हैं ? उत्तर- दृष्टिवाद के सिवाय बाकी 11 अंगों के साथ सम्बन्ध रखने वाले जो अन्य .ग्रन्थ रचे गये उन्हें उपांग कहा जाता है / प्रश्न- 59. 11 उपांग कौन-कौन से हैं ? उत्तर- 1. औपपातिक सूत्र, 2. रायपसेणीय सूत्र, 3. जीवाभिगम सूत्र, 4. पन्नवणा सूत्र, 5. सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र, 6. चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्र, 7. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र, 8. निरयावली सूत्र, 9. कल्पवतंसिका सूत्र, 10. . पुष्पचूलिका सूत्र, 11. वह्निदशा सूत्र | प्रश्न- 60. 11 अंग सिवाय 10 प्रकीर्ण सूत्र हैं वह कौन-कौन से हैं ? 10 प्रकीर्ण सूत्रों को 10 पयन्ना भी कहते हैं। 1. चउसरण पयन्ना, 2. आऊर पच्चक्खाण, 3. महा पच्चक्खाण, 4. भत्तपरिज्ञा, 5. तंदुलवेयालीय, 6. गणिविज्झाय, 7. चंदा विज्झाय, 8. देवेन्द्रस्तव, 9. मरणसमाधि, 10. संथारापयन्ना / प्रश्न- 61. छेद सूत्र किसे कहते हैं वह कितने हैं ? उत्तर 166