Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ श्री शत्रुजय महातीर्थ के चौथे आरे में हुए उद्धार पहला उद्धार श्री ऋषभदेव भगवान के समय में भरत चक्रवर्ती ने किया / दूसरा उद्धार भरत चक्रवर्ती के वंश में दण्डवीर्य राजा ने किया / तीसरा उद्धार दूसरे देवलोक के इन्द्र इशान इन्द्र ने किया / चौथा उद्धार चौथे देवलोक इन्द्र माहेन्द्र ने किया / पाँचवाँ उद्धार पाँचवें देवलोक के इन्द्र ब्रह्मेन्द्र ने किया / छट्ठा उद्धार भवनपति के इन्द्र चमरेन्द्र ने किया / सातवाँ उद्धार श्री अजितनाथ प्रभु के समय में सगर चक्रवर्ती ने किया / आठवाँ उद्धार व्यन्तरेन्द्र ने किया / नवाँ उद्धार श्री चन्द्रप्रभु स्वामी के समय में चन्द्रयश राजा ने किया / दसवाँ उद्धार श्री शान्तिनाथ भगवान के समय में चक्रायुध राजा ने किया। ग्यारहवाँ उद्धार श्री मुनिसुव्रतस्वामी के समय में श्री रामचन्द्रजी ने किया / बारहवाँ उद्धार श्री नेमीनाथ भगवान के शासन में पाण्डवों ने किया / पाँचवें आरे में हुए उद्धार तेरहवाँ उद्धार श्री महावीरस्वामीजी के तीर्थ में जावड़ शा ने किया / चौदहवाँ उद्धार श्री बाहड़ शा मंत्री (अथवा शिलादित्य राजा) ने किया / पन्द्रहवाँ उद्धार समरा शा ओसवाल ने किया / सौलहवाँ उद्धार कर्मा शा ने किया / सतरहवाँ उद्धार श्री दुप्पसहसूरीश्वरजी के उपदेश से अन्तिम उद्घार विमल वाहन राजा करेगा / 71