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भारतीय संवतों का इतिहास
राधा कुमुद मुखर्जी ने बुद्ध व अजात् शत्रु की समकालीनता के आधार पर बुद्ध निर्वाण की तिथि तय करने का प्रयास किया है । "जो भी विवाद रहा हो परन्तु बुद्ध व अजात् शत्रु की समकालीनता को सभी बौद्ध साक्ष्यों ने स्वीकार किया है । अजात शत्रु के शासनकाल के ८वें वर्ष में बुद्ध मरे, और यह समकालीनता अन्य विद्वानों ने भी स्वीकार की है ।"" "कैंटन परम्परा के आधार पर ४८६ ई० पूर्व की तिथि बुद्ध निर्वाण के लिए दी गयी है । यद्यपि इसे या अन्य किसी भी तथ्य को पूर्ण मान्यता नहीं है तथापि ४८६ ई० पूर्व की तिथि स्वीकार कर ली गयी है तथा अधिकांश विचारक बुद्ध के निर्वाण की तिथि इसी के आस-पास पांच वर्षों के बीच स्वीकार करते हैं ।"" डा० हेमचन्द्र राय चौधरी ने भी विभिन्न साक्ष्यों के विश्लेषण के आधार पर बुद्ध के निर्वाण की तिथि ४८६ ई० पूर्व स्वीकार की है। 3
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इस प्रकार विश्व भर में साहित्य, अभिलेखों व अन्य साक्ष्यों से बुद्ध निर्वाण की तिथियां प्राप्त होती हैं जो ई० पूर्व ३६८ से ई० पूर्वं २४२२ के बीच की हैं । कलेण्डर रिफोर्म कमेटी द्वारा बुद्ध निर्वाण की तिथि ५४४ ई० पूर्व दी गयी है । यही तिथि अधिक विश्वसनीय व माननीय है । इसका निर्धारण अनेक साहित्यिक व अभिलेखीय साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद किया गया है । इसके अतिरिक्त बुद्ध जन्म कुण्डली (५४३ ई० पूर्व), राधा कुमुद मुखर्जी (५४४ ई० पूर्व), दीपवमसा (५४३ ई० पूर्व ), कनिंघम (५४४ ई० पूर्व ), सीलोन, ब्रह्मदेव व श्याम परम्परायें (५४३ ई० पूर्व), आदि विद्वानों व परम्पराओं द्वारा स्वीकृत तिथियां भी ५४४ ई० पूर्व की तिथि के आसपास ही एक-दो वर्ष के अन्तर हैं ।
बौद्ध सम्प्रदाय में प्रचलित बौद्ध निर्वाण सम्वत् की तिथि से भी ५४४ ई०. पूर्व की तिथि का ही समर्थन होता है जैसा कि १९८६ ई० में 'बुद्ध निर्वाण सम्वत् का २५३०वां वर्ष चालू था । अर्थात् २५३० - १९८६ = ५४४ ई० पूर्व । बुद्ध निर्वाण सम्वत् का प्रयोग साहित्य व अभिलेख दोनों के "बोद्धों में (शाक्यमुनि) के निर्वाण से जो सम्वत् माना जाता है
लिए हुआ । उसको बुद्ध
१. राधा कुमुद मुखर्जी, "दि एज ऑव इम्पीरियल यूनिटी", जिल्द दो, पृ० ३७ ॥
२ . वही ।
३. हेमचन्द्र राय चौधरी, "प्राचीन भारत का राजनैतिक इतिहास", इलाहाबाद, १८०, पृ० १६६ ।
४. "राष्ट्रीय पंचांग", नई दिल्ली, १९८६ ।