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भारतीय संवतों का इतिहास
इन संवतों के आरंभकर्ता, गणना-पद्धति आदि के संबंध में उल्लेख नहीं मिलता है | अतः ये मात्र वर्ष गणना है तथा अन्य जयन्तियों की भाँति सिर्फ ० वर्ष से वर्षों की गणना आरंभ की गई। अलग से किसी गणना पद्धति अथवा पंचांग का विकास नहीं हुआ है । इनके वर्ष की गणना सौर वर्ष में ही है क्योंकि इनका वर्ष शक संवत् के बराबर है, जिसका वर्ष लौंद के बाद सौर वर्ष की लम्बाई का हो जाता है ।
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