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भारत में सम्वतों की अधिक संख्या की उत्पत्ति के कारण...
२०७
३० दिन
ज्येष्ठ
३१ दिन आषाढ़
३१ दिन श्रावण
३१ दिन भाद्र
३१ दिन आश्विन
३० दिन कार्तिक
३० दिन अग्रहायण
३० दिन पौष माघ
३० दिन फाल्गुन
३० दिन इस राष्ट्रीय पंचांग की तिथियां आधुनिक ग्रिगेरियन पंचांग की तिथियों से इस प्रकार मेल खायेंगी : चैत्र प्रथम २२ मार्च (साधारण वर्ष में २२ मार्च तथा
लौंद के वर्ष में २१ मार्च) वैशाख प्रथम २१ अप्रैल ज्येष्ठ प्रथम
२२ मई आषाढ़ प्रथम
२२ जून श्रावण प्रथम २२ जुलाई भाद्र प्रथम
२३ अगस्त आश्विन प्रथम २३ सितम्बर कार्तिक प्रथम २३ अक्टूबर अग्रहायण प्रथम २२ नवम्बर पूस प्रथम
२२ दिसम्बर माघ प्रथम
२१ जनवरी फाल्गुन प्रथम २० फरवरी राष्ट्रीय पंचांग की ऋतुयें भी स्थायी रूप से निश्चित हैं, जो इस प्रकार हैं। ग्रीष्म
वैशाख तथा ज्येष्ठ वर्षा
आषाढ़ व श्रावण शरद
भाद्र व आश्विन हेमंत
कातिक व अग्रहायण शिशिर
पौष व माघ बसन्त
फाल्गुन व चैत्र