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धर्म चरित्रों से सम्बन्धित सम्वत्
६६ वर्ष का अन्तर है ।"" " इन्हीं कारणों से मैं ( कनिंघम ) तो बुद्ध निर्वाण की स्वीकृत तिथि ५४४ ई० पूर्व ही स्वीकार करता हूं। जैसाकि बर्मा व लंका के इतिहासकारों ने स्वीकार की है। साथ ही में यह भी सोचता हूं कि निश्चय ही इसमें करीब ६६ वर्ष की त्रुटि है ।"२ कनिघम के कथन से स्पष्ट है कि वे स्वयं ही अपने निर्णय से सन्तुष्ट नहीं हैं । बुद्ध निर्वाण की ५४४ ई० पूर्व की तिथि को कनिंघम ने भी स्वीकार किया है, साथ ही उसकी त्रुटि की ओर भी संकेत किया है तथा इसमें त्रुटि है यह भी माना है ।
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उपरोक्त वर्णित परम्पराओं के अतिरिक्त कुछ विदेशी विद्वानों ने बुद्ध निर्वाण के संदर्भ में अपने स्वतन्त्र मत भी दिये हैं : केन ३६८, ३७०, ३८०, ३८८ ई० पूर्व, रोज डेविड्स ४१२ ई० पूर्व, एफ० मैक्समूलर ४७७ ई० पूर्व, स्वामी कन्नुपिल्लं ४७० ई० पूर्व, ओल्डन वर्ग ४८० ई० पूर्व, जे० एफ० फ्लीट ४८२ ई० पूर्व, फंचू ४८३ ई० पूर्व, वी० ए० स्मिथ ४५७ ई० पूर्व, स्मिथ ५०८ ई० पूर्व, महावमसा ५२० ई० पूर्व, द्वीपवमसा ५४३ ई० पूर्व ।
बुद्ध निर्वाण की तिथि निर्धारण के क्षेत्र में भारतीय विद्वानों का भी योगदान है । इनके मत इस प्रकार हैं : डा० त्रिवेद ने बुद्ध निर्वाण के लिए कुछ तिथियां इस प्रकार दी हैं : १८०७ ई० पूर्व, २१३५ ई० पूर्व, २१३९ ई० पूर्व, २१४८ ई० पूर्व, २४२२ ई० पूर्वं । जायसवाल ने ५४४ ई० पूर्व तिथि बतायी है तथा गया लेख के अनुसार ६३३ ई० पूर्व की तिथि दी गयी है । राधा कुमुद मुखर्जी ने ५४४ ई० पूर्व की तिथि का समर्थन किया है : " ५४४ ई० पूर्व बुद्ध निर्वाण की तिथि है जैसी कि सिंहली तथ्यों से मिलती है तथा इसी के आधार पर निर्वाण सम्वत् चलाया है । पूर्ण रूप से अस्वीकार नहीं की जा सकती ।" " डा० मजूमदार ने इस संदर्भ में ४५७ ई० पूर्व की तिथि का ही समर्थन किया है । बुद्ध की छः जन्म कुण्डलियां हैं । इनसे भी निर्वाण तिथि का पता चलता है : ४६३ ई० पूर्व, ४७७ ई० पूर्व, ५४३ ई० पूर्व तथा १८०७ ई० पूर्व की चार तिथियां इन कुण्डलियों से प्राप्त होती हैं । "
१. एलेग्जेण्डर कनिंघम "ए बुक आफ इण्डियन एराज", वराणसी १९७६, पृ० ३५ ।
२. वही, पृ० ३६ ।
३. राधा कुमुद मुखर्जी, "दि एज ऑव इम्पीरियल यूनिटी", जिल्द, दो बम्बई, १६५३, पृ० ३८
४. रमेश चन्द्र मजूमदार, "प्राचीन भारत", दिल्ली, १९६२, पृ० ८२ । ५. डी० एस० त्रिवेद, "भारत का नया इतिहास, वाराणसी, पृ० १५ ।