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धर्म चरित्रों से सम्बन्धित सम्वत्
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होती है, कभी किसी कारणवश महीने के प्रथम दिन न होकर अन्य किसी दिन भी हो सकती है।
बहाई कलैण्डर के महीनों के नाम तथा इनकी आरम्भ की प्रथम तिथि ईसाई सम्वत् में इस प्रकार रहती है :
बहाई महीने अरबी नाम ईसाई सम्वत् की तिथियां
बहा
२१ मार्च जलाल
६ अप्रैल जमाल
२८ अप्रैल अजमत
१७ मई नूर रहमत
२४ जन कलीमात
१३ जोलाई कमाल
१ अगस्त असमा
२० अगस्त इज्जत
८ सितम्बर मशीय्यत
२७ सितम्बर इल्म
१६ अक्टूबर कुदरत
४ नवम्बर कन्ल
२३ नवम्बर मशाइल
१२ दिसम्बर शरफ
३१ दिसम्बर सुल्तान
१६ जनवरी मुल्क
७ फरवरी २६ फरवरी से १ मार्च तक के अतिरिक्त दिनों को जोड़कर अला
२ मार्च १९५५ ई० में भारत सरकार की कलण्डर सुधार सीमित द्वारा दी गई रिपोर्ट में बहाई कलेण्डर का उल्लेख नहीं है (जबकि इस सम्प्रदाय के साहित्य द्वारा विदित है कि बहाई सम्वत् अपने १४५ वर्ष पूरे कर चुका है), जबकि इस समिति द्वारा भारत के उत्तरी दक्षिणी, पूर्वी पश्चिमी, प्राचीन व वर्तमान समय में प्रचलित अनेक कलण्डरों का उल्लेख है। इस स्थिति में यही माना जा सकता है कि बहाई सम्प्रदाय की उत्पत्ति विदेश में हुयी और भारत में इसका