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अष्टांगहृदयकी
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विषय अश्मरी में बर्जित अंग
द्वादशोऽध्यायः। प्रमेह में वमन विरेचन अनुबंध की रक्षा में शमनादि शमन का प्रयोग शमन औषध कफ पर तीन तीन योग पित्तज प्रमेह पर तीन प्रयोग प्रमेह पर अन्नपान विधि वात प्रमेह में चिकित्सा विधि प्रमेह में पथ्य विधि सक्तपानादि कफापित्त प्रमेह पर पान प्रमेह पर तैलादि धान्वन्तर घृत रोधासव अयस्कृति प्रमेह में उद्वर्तनादि प्रमेह पर रसायन निर्धन प्रमेही का उपाय कृश की औषधि प्रमेह पिटका की चिकित्सा विडिका के पूर्वरूप में कर्तव्य तैलादि विधि पाठादि अवलेह प्रमेह पर शिलाजीत
त्रयोदशोऽध्यायः । विद्रधि की चिकित्सा बातज विद्रधि की चिकित्सा व्रणरोपिणी क्रिया पैत्तिक विद्राध कफज विद्राध रक्तादिजन्य विद्राध अंतर विद्रधि में पान अन्य प्रयोग
पृष्टांक बिषय
पृष्टांक अन्य उपाय
विद्राध पर प्रायत्यादि काढा ५१४
अन्यघूत अन्यचूत शृंगादि रक्तमोक्षण विद्रधि में उपमाह विद्रधि का भेदन भीतर का विद्रधि के चिन्ह विद्राधे में दोष विशेष की अपेक्षा विद्रधि पर यूष दशदिन पीछे शोधनादि उक्तरोग में गुल्मवत चिकित्सा विद्राधे पर गुग्गुलयोग पाक निवारण स्तनविद्रधि में उपाय
वृद्धि चिकित्सा ५९७ बातनाशक निरूहादि
| पित्तज वृद्धि का उपाय कफजवृद्धि में उपाय मेडोजवृद्धि में उपाय
६०३ ५९८ मृत्रजवृद्धि में उपाय
अंत्रजवृद्धि में उपाय सुकुमारनामक रसायन उक्तरोग में नस्यादि
६०४ अग्निकर्म में भिन्नमत
चतुर्दशोऽध्यायः । पातजगुल्म की चिकित्सा गुल्म में स्नेहपान बातिकगुल्म में वृहण गुल्म में सानुवासन निरूहण गुल्म पर वस्ति कर्म बातगुल्म पर घत अन्य घत
६०६ दाधिक घस ! अन्यघृत
६०५
६०७
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