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अनुक्रमाणकी।
४१
बिषय पृष्टांक | विषय
पृष्टांक, अन्य आसव
.५८१ पैत्तिकं मूत्राघात में उपाय अन्य आसव
अन्य उपाय ग्रहणीपर क्षार
अन्य उपायं अन्य क्षार
अन्य उपाय अन्य क्षार
कफज मूत्राघात में उपाय अन्य बटिका
अन्य प्रयोग मातुलुंगादि चूर्ण
अन्य अवलेह कफजग्रहणी में घृत
सान्निपातक मूत्राघात अन्य घृत
अश्मरी में कर्तव्य सन्निपातज ग्रहणी में कर्तव्य
पथरी के पूर्वरूप में कर्तव्य प्रतिदोषानुसार चिकित्सा
अश्मरी में स्नेह विधि नेह की उत्कृष्टता
बाताश्मरी का भेदन पान घृतका अन्य प्रयोग
पित्ताश्मरी की चिकित्सा अन्य प्रयोग
कफज अश्मरी की चिकित्सा रोक्ष्य में स्नेहपान
क्षाणादि विधि स्नेह से हुई मंदाग्नि के उपाय
शर्करा का उपाय उदावत में उपाय
शर्करा का अन्य उपाय दोषाधिक्य में मंदाग्नि
अश्मरी पर चूर्ण व्याधियुक्त मंदाग्नि मार्गादि भ्रमण में मंदाग्नि
अश्मरी पर काथ
अश्मरी पर क्षार दीर्घकाल की मंदाग्नि स्नेहादि अग्नि वर्द्धक
अश्मरो पर कपोतका अग्नि वर्धन में दृष्टांत
मूत्राघात में क्रिया विभाग। भोजानाति भोजन में नष्ठाग्नि
सब प्रकार के मूत्राघात की चिकित्सा,, अग्निवर्धक प्रकार
बेघदादि पान भस्मक अग्नि का शमनोपाय
धन्वयासरसादि पान अंजीर्ण में भोज्यदि
अन्य उपाय मेदका मांस
अन्य उपाय दुधका विधान
शुक्राश्मरी की चिकित्सा चिकित्सा का संक्षेप वर्णन
अश्मरी के इलाज में राजाज्ञा उक्त कथन का हेतु
प्रश्न की रीति विरुद्ध अन्नका वर्णन
शस्त्र कर्म में कर्तव्य एकादशोऽध्यायः । रोगी को स्नानादि
५९२ मूत्राघात में स्वेदादि ५८७ मून संशोधन
५९३ शूल नाशक तेल
व्रण प्रक्षालन अन्य प्रयोग
ब्रण पर स्वेदन उक्तरोग पर मद्यपान
" । अन्य उपचार
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