Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 1 -1 -1-6 // 97 D व्यक्ति के द्वारा निष्पन्न होने वाली क्रिया कार्य के करने, कराने और समर्थनअनुमोदन करने की अपेक्षा से तीन प्रकार की है, और संसार का प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक प्राणी तीनों कालों में क्रियाशील रहता है / इसलिए क्रिया के उक्त भेदों का तीनों कालों के साथ सम्बन्ध जुड़ा हुआ है और इस अपेक्षा से क्रिया के 9 भेद होते हैं / क्योंकि भूत, वर्तमान और भविष्य ये तीन काल हैं और प्रत्येक काल के करण, करावण एवं अनुमोदन प्रकार से तीनतीन भेद होने से कुल नव भेद बनते हैं / भूत काल के तीन भेद इस प्रकार बनते हैं १-मैंने अमुक क्रिया का अनुष्ठान किया था / २-मैंने अमुक कार्य दूसरे व्यक्ति से करवाया था / 3-मैंने अमुक कार्य करने वाले व्यक्ति का समर्थन-अनुमोदन किया था / वर्तमान काल में की जाने वाली क्रिया के तीन रूप इस प्रकार बनते हैं १-मैं अमुक क्रिया या कार्य कर रहा हूं / २-में अमुक कार्य दूसरे व्यक्ति से करवा रहा हूं / 3-मैं अमुक कार्य करने वाले व्यक्ति का समर्थन-अनुमोदन करता हूं / अनागत-भविष्य काल में की जाने वाली क्रिया के भी तीन रूप बनते हैं, वे इस प्रकार हैं १-मैं अमुक दिन अमुक कार्य करूंगा / २-मैं दूसरे व्यक्ति से अमुक कार्य कराऊंगा / 3-मैं अमुक कार्य करने वाले व्यक्ति का समर्थन-अनुमोदन करूंगा / इस तरह क्रिया के 9 भेद बनते हैं, और वे नव भेद भी मन, वचन और शरीर से सम्बन्धित भी होते हैं / अतः तीनों योगों के साथ इनका सम्बन्ध होने से, क्रिया के 9x3=27 भेद हो जाते हैं / "अकरिस्सं चऽहं... ...." आदि प्रस्तुत सूत्र में सूत्रकार ने सर्व प्रथम “मैंने किया" भूतकालीन कृत क्रिया का, तदनन्तर "मैं कराता हूं" वर्तमान कालिन कारित क्रिया का और अन्त में "मैं क्रिया करने वाले का अनुमोदन करूंगा" इस भविष्यत् कालीन अनुमोदित क्रिया का उल्लेख किया है / प्रस्तुत सूत्र में क्रिया के नव भेदों में से-मैंने किया, मैं कराता हूं और मैं अनुमोदन करूंगा / इन तीन भेदों का ही प्रतिपादन किया है / प्रश्न हो सकता है कि जब सूत्रकार ने क्रिया के तीन भेदों की और ही इशारा किया है, तब आप को क्रिया के नव भेद मानने के पीछे क्या आधार है ? यदि क्रिया के नव भेद होते हैं तो सूत्रकार ने उन नव का उल्लेख न करके तीन का ही उल्लेख क्यों किया ?