Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
View full book text ________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 321 नि. 6 परवइ वागरणं पुण जिणवागरणं जिणा परं नत्थि / अण्णेसिं सोच्वंतिय जिणेहि सव्वो परो अण्णो ||6|| नि.६७ __ तत्थ अकारि करिस्संति बंधचिंता कया पुणो होइ / सहसम्मइया जाणइ कोइ पुण हेतुजुत्तीए // 67 / / नि. 68 पुढवीए निक्खेवो परूवणालक्खणं परीमाणं उवभोगो सत्थं वेयणा य वहणा निवत्तीय // 18 // नि. 69 नामंठवणापुढवी दव्वपुढवी य भावपुढवी य / एसो खलु पढवीए निक्लेवो चउव्विहो होइ . // 69 / / नि. 70 ... दव्वं सरीरभविओ भावेण य होइ पुढविजीवो उ / जो पुढ़विनामगोयं कम्मं वेएइ सो जीवो // 70 // नि. 71 दुविहा य पुढविजीवा सुहुमा तह बायरा य लोगंमि / सुहुमा य सव्वलोए दो चेव य बायरविहाणा / / 71 // नि. 72 दुविहा बायरपुढवी समासओ सण्हपुढवि खरपुढवी / सण्हा य पंचवण्णा अवरा छत्तीसइविहाणा . // 72 / / नि. 73 पुढवी य सक्करा वालुगा य उवले सिला य लोणूसे / अय तंब तउअ सीसग रुप्प सुवण्णे य वइरे य // 73 || नि. 74 हरियाले हिंगुलए मणोसिला सासगंजण पवाले / अब्भपडलम्भवालुअ बायरकाए मणिविहाणा // 74 / / नि. 75 गोमेज्जाए य रुयगे अंको फलिहे य लोहियक्खे य / मरगय मसारगल्ले भुयमोयग इंदनीले य // 75 // नि. 76 चंदप्पह वेरुलिए जलकंते चेव सूरकन्ते य एए खरपुढवीए नामं छत्तीसयं होइ // 76 //
Loading... Page Navigation 1 ... 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390