Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
View full book text ________________ 324 श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन नि. 99 पवयंति य अणगारा न य तेहि गुणेहि जेहि अणगारा / पुढविं विहिंसमाणा न हु ते वायाहि अणगारा // 99 // नि. 100 अणगारवाइणो पुढविहिंसगा निग्गुणा अगारिसमा / निदोसत्ति य मइला विरइदुगंछाइ मइलतरा // 100 // नि. 101 केई सयं वहंति केई अण्णेहिं उ वहाविंति ___ केई अणुमण्णंति पुढवीकायं वहेमाणा / / 101 / / नि. 102 जो पुढवि समारंभइ अग्नेऽवि य सो समारभइ काए / अनियाए अ नियाए दिस्से य तहा अदिस्से य // 102 // नि. 103 पुढविं समारभतां हणंति तन्निस्सिए य बहुजीवे / सुहमे य बायरे य पज्जत्ते य अपज्जत्ते य // 103 / / नि. 104 एयं वियाणिऊणं पुढवीए निक्खिवंति जे दंडं . / तिविहेण सव्वकालं मणेण वायाए काएणं // 104 // नि. 105 गुत्ता गुत्तीहि सव्वाहिं समिया समिईहिं संजया / जयमाणगा सुविहिया एरिसया हुंति अणगारा // 105 / / नि. 106 आउस्सवि दाराई ताई जाई हवंति पुढवीए / नाणत्ती उ विहाणे परिमाणुवभोगसत्थे य - // 106 // नि. 107 दुविहा उ आउजीवा सुहमा तह बायरा य लोगंमि / ___ सुहुमा य सव्वलोए पंचेव य बायरविहाणा // 107 // नि. 108 सुद्धोदए य उस्सा हिमे य महिया य हरतणू चेव / ___ बायर आउविहाणा पंचविहा वण्णिया एए // 108 / / नि. 109 जे बायरपजत्ता पयरस्स असंखभागमित्ता ते / सेसा तिन्निवि रासी वीसुं लोगा असंखिज्जा // 109 // .
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