Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
View full book text ________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 325 नि. 190 जह हत्थिस्स शरीरं कललावत्थस्स अहुणोववनस्स / ___ होइ उदगंडगस्स य एसुवमा सव्वजीवाणं // 110 / / नि. 111 न्हाणे पिअणे तह धोअणे य भत्तकरणे य सेए अ / आउस्स उ परिभोगो गमणागमणे य जीवाणं // 111 // नि. 112 एएहिं कारणेहिं हिंसंति आउकाईए जीवे सायं गवेसमाणा परस्स दुक्खं उदीरंति || 112 // नि. 113 उस्सिंचणगालणधोवणे य उवगरणमत्तभंडे य बायरआउक्काए एयं तु समासओ सत्थं // 113 // नि. 114 किंची सकाय सत्थं किंची परकाय तदुभयं किंचि / . एयं तु.दव्वसत्थं भावे य असंजमो सत्थं // 114 // नि. 195 सेसाई दाराइं ताइं जाइं हवंति पढवीए एवं आउद्देसे निज्जुत्ती कित्तिया एसा // 115 // नि. 196 तेउस्सवि दाराई ताई जाइं हवंति पुढवीए नाणत्ती उ विहाणे परिमाणुवभोगसत्थे य... // 11 // नि. 997 दुविहा य तेउजीवा सुहुमा तह बायरा य लोगंमि / सुहमा य सव्वलोए पंचेव य बायरविहाणा // 117 // नि. 118 इंगाल अगणि अच्ची जाला तह मुम्मुरे य बोद्धव्वे / बायरतेउविहाणा पंचविहा पण्णिया एए // 118 // नि. 919 जह देहप्परिणामो रत्तिं खज्जोयगस्स सा उवमा जरियस्स य जह उम्हा तओवमा तेउजीवाणं || 119 // नि. 120 जे बायरपज्जत्ता पलिअस्स असंखभागमित्ता उ सेसा तिण्णिवि रासी वीसुं लोगा असंखिजा // 120 // .
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