Book Title: Acharang Sutram Part 01
Author(s): Jayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
Publisher: Rajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan

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Page 376
________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 317 - / // 22 / / // 23 // || 24 // * नि. 22 अंबटुग्गनिसाया य अजोगवं मागहा य सूया य खत्ता य विदेहा विय चंडाला नवमगा हुंति नि. 23. . एगंतरिए इणमो अंबट्ठो चेव होइ उग्गो य बिइयंतरिअ निसाओ परासरं तं च पुण वेगे नि. 24 पडिलोमे सुद्दाई अजोगवं मागहो य सूओ अ एगंतरिए खत्ता वेदेहा चेव नायव्वा नि. 25 बितियंतरे नियमा चण्डालो सोऽवि होइ नायव्वो अनुलोमे पडिलोमे एवं एए भवे भेया नि. 26 , उग्गेणं खत्ताए सोवाओ वेणवो विदेणं ____ अंबट्ठीए सुद्दीय बुक्कसो जो निसाएणं नि. 27 सूएण निसाईए कुक्करओ सोवि होइ नायव्वो एसो बीओ भेओ चउविहो होइ नायव्वो एसा बाम / // 25 // // 26 // / || 27 / / नि. 28 . दव्वं सरीरभविओ अन्नाणी वत्थिसंजमो चेव भावे उ वत्थिसंजम नायव्वो संजमो चेव मनायव्वा सजमा चव // 28 // नि. 29 चरणंमि होइ छक्कं गइमाहारो गुणो व चरणं च / खित्तंमि जंमि खित्ते काले कालो जहिं जाओ // 29 // नि. 30 भावे गइमाहारो गुणो गुणवओ पसत्थमपसत्था / गुणचरणे पसत्थेण बंभचेरा नव य हवंति - // 30 || नि. 31 सत्थपरिण्णा लोगविजओ य सीओसणिज्ज सम्मत्तं / तह लोगसारनामं धुयं तह महापरिण्णा य // 1 // नि. 32 अट्ठमए य विमोक्खो उवहाणसुयं च नवमगं भणियं / इच्चेसो आयारो आयारग्गाणि सेसाणि / / 32 //

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