Book Title: Abhidhan Rajendra kosha Part 1
Author(s): Rajendrasuri
Publisher: Abhidhan Rajendra Kosh Prakashan Sanstha
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( ६७७ )
निधान राजेन्द्रः ।
अबंभ
नि उपदर्शित स्वरूपाणि, एवमादीनि एवंप्रकाराणि, नामधेयानि त्रिशद्भवन्ति । काक्काऽऽधेयं प्रकारान्तरेण पुनरन्यान्यपि भवन्तीति भावः । उक्तं यनामेति द्वारम् ।
अथ तत्कुर्वन्ति तद् द्वारमुच्यते
तं च पुण निसेविंति सुरगणा अच्छरा मोहमोहितमती असुर १ ग २ गरुल ३ विज्जुज्जलणदीवजदहिदिसिपवणथाय १० अपनियपणपनियइ सिवाइय यवादियकंदियमहाकंदियकू हे रुपयंगदेवा पिसाय नूयजक्ख रक्ख सकिएर किंपुरिसम होर गगंधन्न तिरियजोइसविमाणवासिमयगणा जलयस्थलयरखढचरा य मोहपमित्र चित्ता अवितरहा कामजोगतिसिया णं तएहाए बलवईएमईए समनिया गविता यं प्रतिमुच्छिता य
जे भोसला तामसे भावेण प्रमुक्का दंसणचरितमोहरम पंजरं पिव करेंति एवं सेवमाणा, तुज्जो २ असुरसुरतिरियमणुयजोगरतिविहारसंपनत्ता य चकवट्टीसुरनरवतिसक्कया सुरवर व्व देवलोए जरहनगणगर निगमजयपुरवरदो मुदखे कव्व मम मंव संवाहपट्टणसहस्समhi थिमिमेयं गच्छत्तं ससागरं चुंजिऊण वसुदं नरसीहा नरवतिनरिंदा नरवसहा मरुयवसन कप्पा अन्नहियं रायतेयलच्छीए दीप्पमाला सोमा रायसतिलगारविससिसंखवर चक्क सोत्थियपभाग जब मच्छकुम्मरहवरजगभवविमारणतुरंगतोरणगोपुर मणिरय रणनंदियात्रत्तमुसल - लंगलसुरइयवरकप्परुक्स्वमिगवति भद्दास सुरुइथून वरमउमसरियकुमल कुंजरवरवसन पदीवमंदरगरुलज्झयइंदके उदप्पण अट्ठावयचाववाणनक्खत्तमेह मेहलवी जुगत-दामदा मणिकर्म मलुकमल घंटावर पोतसूचीसागर कुमुदागरमगरहारगागरने उरणगणगरवइर किएर मयूरवरराय हंससारसचकोर चकोत्रागमिहुणचामर खेरुगपच्चीसगविचित्ररतालियंटसिरियाभिसेयमेयणिखग्गंकुसविमल कल सर्जि-गारवच्चमाणगर सत्य उत्तम विजत्तवरपुर सलक्खणधरा व श्री सरायवरसहस्साणुजायमग्गा चउसद्विसदस्सपवरजुवतीण एकता रत्ताभा परमपम्हकोरंटगदामचंपगसुतत्तवरकणकनिकमत्रणा सुजाय सांगसुंदरंगा महग्घवरपट्टणुग्गयविचित्तरागरणीपणी निम्मियदुगुञ्जवरचीणप-कोसेज्जसोपी सुत्तकविजूसियंगा वरसुरभिगंधवरचुएएवा - सवर कुमुमनरियरिया कप्पियच्छेयायरिय सुकयरइदमालकरुगंगयतुमियत्ररत्तूमणपिणरुदेहा एकावलिकंठसुरइयवच्छपलं पलंबमाणसुकयपम उत्तरिजमुद्दिया पिंगलंगुलि - या उज्जलनेवत्यर याचिह्नगविरायमाणा तेएण दिवाकरो व दित्ता सारयनवत्थणियम हुरगंभीर निघोसा उप्पएण्समत्तरयणचक्करय एपहारणा नवनिदिपइणा समिककोमा
१७०
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अबंभ
चाउरंता चाउराहिं सेणाहिं समगुजाइज्जमानमग्गा तुरंगपती पतीरहपती नरपती विपुल कुल बीसूय जसा सारयससिसकलमोम्मवयणा सूरा तिलोक्कनिग्गयपभावलष्ट सद्दा समतजरहाढिवा नरिंदा ससेल व कारणरणं च हिमवंतमागतं धीरा भोतॄण जरदवासं जियसत्तू पत्रररायसीहा पुत्रककतवप्पजात्रा निविट्टसंचियमृहा अणेगवाससयमाउतो जज्जाहिय जणवयप्पाणाहिं झाजियंता अतुलमफरिसर सरूवगंधे य अणुवित्ता ते वि उवणमंति मरणधम्मं अवितित्ता कामा, जुज्जो वलदेवा वासुदेवा य, पत्रर पुरिसा महानपरकमा महाधणुवियट्टका महासत्तसागरा दुडग धधरा नरवसना रामकेसवा भायरो सपरिसा वसुदेवसमुदविजयमादिदमाराणं पज्जुएणपयित्रसंवअनिरुद्ध निमढनभ्मुयसारणगयमुमुह5म्मुहार्द । जायवाएं अद्भुट्ठा कि कुमारकोमी दिया देवीए रोहिणीए देवीए देवईए यहियाणंदहियावनंदकरा सोलन रायवरसहस्साणं जायमग्गा सोलसदेवी सहस्त्ररणयण हिययदश्या पाणामकिणगरयण मोतियपवाल घणघणसंचया रिदिममिद्ध कोसाइयगयर सहससामी गामागरण गरखेडकव्वरुप मंदीमुइपट्टणासमसंवाद सहस्साथ मिय निन्नु यप्पमुदितजए -- विविहस सेयनिष्पज्ज माणमणी सरसरियतलागसेनका
आरामुज्जारामणाभिरामपरिमंडियस्म दाहिणवेयगिरिविजत्तस्म झवणजलपरिग्गहस्स व्हिका अगुणकमजुत्तस्म अद्धनरहस्म सामिका धीर कित्तिपुरिसा ओहबला अतिबला अनिया अपराजियसत्तुमद्दणा रिउमहस्समानमहणा साएकोसा मच्छरी अचवला श्रर्चमा मियमंजुझप्पल्लावा इसियगंभीरमहरन लिया अन्नुवगयत्रच्छला सरमा लक्खणर्वजण गुणोत्रवेत्रा माणुम्माणपमाणपमि पुराण सुजायसवंगसुदरंगा ससिसोमा कारकंता पियदंसणा श्रमस्सणा पयं मदमप्पयारगंजीरदरिसिज्जा तालज्जयन विधगरुलकेनबलवगज्जतद रितदप्पिय मुट्ठियचाणुरचूरगा रिट्ठवसभघाती केसरी मुहविष्फामगा दरियागदप्पमहणा जमलज्जुछभंगा महासउलिया रिपू कंसमउभमोडगा जरासंघमाणमदा तेहि अविरल समसहियचंद मंगलसमप्पजेहिं सूरमरीयकवयत्रिणिमुयं तेहि सप्पमिदमेहिं आयवतेहिं धरिज्जतेहिं विगयंता ताहि य पवरगिरिकुटरविहरणसमुखियाहिं निरुवयचमरिपच्छिममरी र संजायाहिं अमइलसियमञ्जविमुकुलुज्जक्षित रयत गिरिसिह र विमलमसिकिरमरिसकल होय निम्मलाहिं पत्रणाहयचवल चलिय सलि - लियनच्चियवीयपसरियखी रोद्रगपत्र र सागरुप्पूर चल्लाहिं मा णससरपसरपरचियावासविसावे साहिं कणगगिरिमिहरसंसियाहिं श्रवाप्पाचवलजवियसिग्घवेगाहिं इंमत्रधुगाहिं
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