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मूलपाठ-विषयसूची
सन्धि १
(१) पंच नमोकार मंत्र (२) कवि-विनय व जम्बूद्वीप-भरतक्षेत्र (३) मगध देश का वर्णन (४) राजगृह नगर वर्णन (५) राजा श्रेणिक का वर्णन (६) विपुलाचल पर महावीर का समोसरण (७) राजा की वंदन-यात्रा (८) विपुलाचल-दर्शन (8) समोसरण वर्णन (१०) राजा श्रेणिक का सद्विचार (११) जिनेन्द्र-स्तुति (१२) त्रैसठ शलाका पुरुष।
सन्धि २ (१) राजा श्रेणिक का गौतम गणधर से प्रश्न (२) अंगदेश का वर्णन (३) चंपानगरी का वर्णन (४) राजा धाईवाहन की प्रशंसा (५) ऋषभदास सेठ की गुणगाथा (६) अर्हदासी सेठानी तथा सुभगगोप का गुण-वर्णन (७) गोप का मुनिराजदर्शन () पंचनमोकार मंत्र की प्राप्ति (8) णमोकार मंत्र का प्रभाव (१०) व्यसनों के दुष्परिणाम (११) चोरी के कुफल (१२) गंगानदी का वर्णन (१३) गोप-क्रीड़ा (१४) नदी में एक छूट से फंसकर सुभगगोप की मृत्यु (१५) पंच णमोकारमंत्र की महिमा।
सन्धि ३ (१) सेठानी का स्वप्न (२) स्वप्न-फल (३) सुदर्शन का जन्म (४) सेठ के घर पुत्र-जन्मोत्सव (५) प्रकृति ने भी जन्मोत्सव मनाया (६) पुत्र का नामकरण (७) बाल क्रीड़ा (८) बालक का विद्यारंभ (९) नाना विद्याएँ और कलाएँ (१०) शरीर के सुलक्षण (११) युवक सुदर्शन के प्रति नगर की नारियों को मोह (१२) नारियों का अनुराग।
सन्धि (१) सुदर्शन का मित्र कपिल ब्राह्मण (२) मनोरमा-दर्शन (३) मनोरमा का सौन्दर्य (४) मनोरमा का परिचय (५) कामशास्त्रानुसार स्त्रियों के लक्षण (६) देशदेश की स्त्रियाँ कैसी होती हैं (७) नारी प्रकृति (८) नारी के संकीर्ण भाव (६) स्त्री की भाव-दृष्टियाँ (१०) स्त्री का अशुद्ध भाव (११) इंगित वर्णन (१२) त्याज्य स्त्रियों के लक्षण (१३) सौभाग्यशाली स्त्रियों के लक्षण (१४) स्त्रियों के शुभ और अशुभ लक्षण (१५) मनोरमा की काम-दशा।
सन्धि ५ (१) मनोरमा की कामपीड़ा (२) सुदर्शन के पिता की पुत्र-विवाह सम्बन्धी चिंता (३) वर-कन्या के मिताओं की बातचीत (४) ज्योतिषी द्वारा लग्न-शोध और