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पखंडागम की शास्त्रीय भूमिका
२३७ मार्गणास्थानों के भीतर बतलाई गई राशियों का बहुत्व से अल्पत्व की ओर क्रम जहां तक हमारे विचार में आया है, निम्न प्रकार है - अनन्त असंख्यात
संख्यात १ असंयमी
२४ वायुकायिक
५६ सामयिकसंयत । २ अचक्षुदर्शनी
२५ जल कायिक
५७ छेदोपस्थापना संयत ३ कुमति
२६ पृथिवी कायिक
५८ यथाख्यात संयत ४ कुश्रुत
२७ तेज कायिक
५९ केवलज्ञानी । ५ मिथ्यादृष्टि
२८ त्रस कायिक
६० केवलदर्शनी J ६ नपुंसकवेदी
२९ वचन योगी
६१ परिहारसंयत ७ तिर्यंच
३० द्वीन्द्रिय
६२ मन:पर्ययज्ञानी ८ असंज्ञी
३१ त्रीन्द्रिय
६३ सूक्ष्मसांपरायसंयत ९ काययोगी
३२ त्रीन्द्रिय १० एकेन्द्रिय
३३ चक्षुदर्शनी ११ वनस्पतिकायिक
३४ पंचेन्द्रिय १२ भव्य
३५ संज्ञी १३ आहारक
३६ मनोयोगी १४ अनाहारक
३७ विभंगज्ञानी । १५ कृष्ण लेश्या
३८ देवगति १६ नील लेश्या
३९ स्त्रीवेदी १७ कापोत लेश्या
४० नारक १८ लोभ कषायी
४१ पुरुषवेदी १९ माया कषायी
४२ मनुष्य २० क्रोध कषायी
४३ पीतलेश्या २१ मान कषायी
४४ पद्यलेश्या