Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 608
________________ (५०) प्रथम समय तद्भवस्थ १४-३३२ प्रथम संग्रहकृष्टिअन्तर ६-२७७ प्रथम स्थिति ६-२३२, २२३, ३०८ प्रथमाक्ष ७-४५ प्रथमानुयोग १-११२; ९-२०८ प्रदेश १३-११ प्रदेशउदीरकअध्यवसानस्थान १६-५७७ प्रदेशगुणाहानिस्थानान्तर १६-३७६ प्रदेशघात ६-२३०, २३४ प्रदेशछेदना १४-३३६ प्रदेशदीर्घ १६-५०९ प्रदेशप्रमाणानुगम १४-३२१ प्रदेशबन्ध ६-१९८, २००, ८-२ प्रदेशबन्धस्थान १०-५०५, ५११ प्रदेशमोक्ष १६-३३८ प्रदेशविन्यासावास १०-५१ प्रदेशविपरिणामना १५-२८३ प्रदेशविरच १४-३५२ प्रदेशविरचित अल्पबहुत्व१०-१२०, १३६ प्रदेशसंक्रम ६-२५६, २५८; १६-४०८ प्रदेशसंक्रमणाध्यवसानस्थान १६-५७७ प्रदेशहस्व १६-५११ प्रदेशाग्र ६-२२४, २२५ प्रदेशार्थता १३-९३ प्रधान द्रव्यकाल ११-७५ प्रधानभाव ४-१४५ प्रपद्यमान उपदेश ३-९२ प्रबन्धन १४-४८०,४८५ प्रबन्धनकाल १४-४८०, ४८५ प्रबन्धनकाल १४-१४, ४८५ प्रभा १४-३२७ प्रभापटल ४-८० प्रमत्तसंयत १-१७६; ८-४ प्रमत्ताप्रमत्तपरावर्तसहस्त्र ४-३४७ प्रमाण ३-४, १८, ४-३९६; ७-२४७, ९-१३८, १६३ प्रमाण (परिणाम) ३-४०, ४२, ७२ 'प्रमाण (राशि) ३-१८७, १९४ प्रमाणकाल ११-७७ प्रमाणाघनाड.गुल ४-३५ प्रमाणापद १-७७, ९-६०, १३६, १९६; १३-२६६ प्रमाणराशि ४-७१; ३४१ प्रमाणलोक ४-१८ प्रमाणवाक्य ४-१४५ प्रमाणाड गुल ४४८, १६०-१८५ प्रमाद ७-११ प्रमेय प्रमेयत्व ४-१४४ प्रमोक्ष प्रयोग प्रयोगकर्म प्रयोगपरिणात प्रयोगबन्ध प्रयोगश: उदय प्रयोजन १२-२८६; १३-४४ १३-३८, ४३, ४४ १४-२३, २४ १४-३७ १५-२८९ ८-१

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