Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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नन्तकाय
१-२७४
प्रतिपक्षपद
१-७६; ९-१३६ प्रत्याख्यान १-१२१; ६-४३, ४४; प्रतिपद्यमानस्थान ६-२७६, २७८ ।
८-८३, ८५; १३-३६० प्रतिपत्ति ६-२४; १२-४८०; १३-२९२ प्रत्याख्यानदण्डक ८-२७४, ९-२२२ प्रतिपत्तिआवरणीय १३-२६१
प्रत्याख्यानपूर्व
७-१६७
.
प्रत्याख्यानावरण प्रतिपत्तिसमास
८-९ ६-२४; १२-४८० प्रतिपत्तिसमासश्रुतज्ञान १३-२६९
६-४४
प्रत्याख्यानावरणीय प्रतिपत्तिसमासावरणीय १३-२६१
प्रत्यागाल
६-२३३, ३०८ प्रतिपातस्थान ६-२८३, ७-५६४ प्रत्यामुण्डा
१३-२४३ प्रतिपाती
१३-८३
प्रत्यावली ६-२३३, २३४, ३०८ प्रतिपातीअवधि ६-५०१ प्रत्यासत्ति
४-३७७, ८-६ प्रतिभाग ४-८२; ५-२७०, २९० प्रत्यासन्नविपाकानुपूर्वाफल ४-१७५ प्रतिराशि
१०-६७
प्रत्येक अनन्तकाय प्रतिष्ठा
१३-२४३ प्रत्येकनाम
१३-३६३ प्रतिसारी
९-५७, ६० प्रत्येकबुद्ध
५-३२३ प्रतिसारी बुद्धि १३-२७१, २७३
प्रत्येकशरीर १-२६८; ३-३३१, ३३३; प्रतिसेवित
६-६२, ८-१०; १३-३८७, १४-२२५ १३-३४६
प्रत्येकशरीरद्रव्यवर्गणा १४-६५ प्रतिक्षण
१४-९
प्रथम विभाग प्रतीच्छा १३-२०३
१४-५०१, ५०२ प्रथक्त्व
३-८९; १३-१३, ७७ प्रतीच्छना
९-२६२
प्रथक्त्ववितर्कवीचार १३-७७, ८० प्रतीतसत्य
१-११८
प्रथक्त्ववितर्कवीचारशुक्लध्यान ४-३९१ प्रत्यक्ष १-१३५; ४-३३९; ६-२६; ९-५५, १४२; १३-२१२, २१४ प्रथम दण्ड
७-३१३ प्रत्यक्षज्ञानी
८-५७ प्रथम निषेक
६-१७३ प्रत्यभिज्ञान
९-१४२ प्रथम पृथिवी
४-८८ प्रत्यय
५-१९५
प्रथम पृथिवीस्वस्थान क्षेत्र ४-१८२ प्रत्ययनिबन्धन
१५-२ . प्रथम सम्यकव ६-३, २०४, २०६
२२३, ४१८; १०-२८५ प्रत्ययप्ररूपणा
७-१३
प्रथम समय उपशमसम्यग्दृष्टि ६-२३५ प्रत्ययविधि
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