Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 605
________________ पुलविय पुष्करद्वीप ७-७० पुंवेद पूर्वकृत पुरुष (पुरिस) वेदभाव १४-११ पुरुषवेदोपशमनाद्धा ५-१९० १४-८६ ४-१९५ पुष्करद्वीपार्ध ४-१५० पुष्करसमुद्र ४-१९५ पुष्पोत्तरविमान ९-१२० पुंडरीक १-९८, ९-१९१ १-३४१ पूरिम ९-२७२, २७३ पूर्व ४-३१७, ६-२५; १२-४८०; १३-२८०, २८९, ३०० ९-२०९ पूर्वकोटी ४-३४७, ३५०, ३५९, ३६६ पूर्वकोटीपृथक्त्व ४-३६८, ३७३, ४००, ४०८,५-४२, ५२, ७२ पूर्वगत १-११२ पूर्वचर १५-२३८ पूर्वफल ३४९ पूर्वश्रुतज्ञान १३-३७१ पूर्वसमास ६-२५; १२-४८० पूर्वसमासश्रुतज्ञान १३-२७१ पूर्वसमासावरणीय १३-२६१ पूर्वस्पर्द्धक १०-३२२, ३२५; १३-८५; १६-५२०, ५७८ पूर्वातिपूर्व १३-२८० पूर्वानुपूर्वी १-७३; ९-१३५; १२-२२१ पूर्वाभिमुखकेवली ४-५० (४७) पूर्वावरणीय १३-२६१ पृच्छना ९-२६२, १३-२०३ पृच्छाविधि १३-२८०, २८५, पृच्छाविधिविशेष १३-२८० पृच्छासूत्र १०-९ ४-४६० पृथिवीकायिक ३-३३०, ७-७०, ८-१९२ पृथिवीकायिकनामकर्म पैशुन्य १-१७ पोतकर्म . ९-२४९; १३-९, ४१ २०२; १४-५ पंकबहुलपृथिवी ४-२३२ पंचच्छेद पंचद्रव्याधारलोक ४-१८५ पंचमक्षिति १३-३१८ पंचमपृथिवी पंचमुष्टि ९-१२९ पंचविधलब्धि ७-१५ पंचलोकपाल १३-२०२ पंचसामायिकयोगस्थान १०-४९५ पंचांश ४-१७८ पंचेन्द्रिय १-२४६, २४८, २६४, ७-६६ पंचेन्द्रियजाति १-२६४, ६-६८, ८-११ पंचेन्द्रियजातिनाम १३-३६७ पंचेन्द्रियतिर्यग्गतिप्रायोग्यानुपूर्वी ४-१९१ पंचेन्द्रियतिर्यंच ८-११२ पंचेन्द्रियतिर्यंचअपर्याप्त ८-१२७ पंचेन्द्रियतिर्यंचपर्याप्त

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