Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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परसमयवक्तव्यता १-८२ परिमण्डलाकार
४-१७८ परस्थान (अल्पबहुत्व) ३-२०८ परिवर्तन
९-४२९, ४३८ परिवर्तना ९-२६२; १३-२०३ परस्थानाल्पबहुत्व ५-२८९; १०-४०६ ।। परिवर्तमान
१५-२३४ परस्परपरिहारलक्षणाविरोध ७-४३६; परिवर्तमाननामप्रकृति १५-१४६
१३-३४५ परिवर्तमानपरिणाम १२-२७ पराक्रम
९-९३ परिवर्तमानमध्यमपरिणाम १२-२७ परिकर्म १३-१७, २६२, २६३, २९९ परिठातनकति
९-३२७ परिग्रह
१२-२८२ परिहाणि (रूप) परिग्रहत: आत्तपुद्गल १६-५१५
परिहार
१३-६२ परिग्रह संज्ञा
१-४१५
परिहारशुद्धिसंयत १-३७०, ३७१, ३७२; परिचित ९-२५२
७-९४, १६७, ८-३०३ परिजित ९-२८६; १३-२०३ परिहारशुद्धिसंयम ७-१६७ परिणाम १-८०; १५-१७२ परीतानन्त
३-१८ परिणामत: आत्तपुद्गल १६-५१५ परोक्ष ६-२६; ९-५५, १४३; परिणामप्रत्यय ६-३१७
१३-२१२, २१४ परिणामप्रत्ययिक
६-३१७ परोदय
८-७ परिणामप्रत्ययिक १५-१७२, २४२, २६१ पर्यन्त
८-८६, ३६२ परिणामयोग १०-५५, ४२० पर्याप्त १-२५४, २६७, ३-३३१ परित-अपरितवर्गणा १४-५८
६-६२, ४१९; ८-११; १०-२४० परित्तजीविय
१३-२६३ परित्तापन
पर्याप्तनिवृत्ति १४-३५२; १५-१८० परिधि ४-१२, ४३, ४५, २०९, २२२
पर्याप्ताद्धा १-२५७, ४-३६२; ८-५, ६;
१३-६० परिधिविषकम्भ
४-३४ पर्यायज्ञान
१३-३६३ परिनिर्वृतभाव
१४-१८ पर्यायनय
४-३३७ परिपाटी
५-२० पर्यायसमास
६-२२ परिभोग ६-७८; १३-३९०
पर्यायसमासज्ञान १३-२६३ परिभोगान्तराय ६-७८; १३-३८९
पर्यायसमासावरणीय १३-१६१
२७४
पर्याप्तनाम
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