Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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(७५)
संकुट
टाव
संकलन ४-१४४, १९९; १०-१२३ संकलनसूत्र
३-९१, ९३ संकलनसंकलना
१०-२०० संकलना ४-१५९; १३-२५६
१-१२० संक्लेश ६-१८०; ११-२०९, ३०९ संक्लेशक्षय
१६-३७० संक्लेशस्थान
११-२०८ संक्लेशावास
१०-५१ संख्या संख्यात ३-२६७; १३-३०४, ३०८ संख्यातगुणावृद्धि ११-३५१ संख्यातभागवृद्धि ११-३५१ संख्यातयोजन
१३-३१४ संख्यातवर्षायुष्क ८-११६; १०-२३७ संख्यातीतसहस्त्र १३-३१५ संख्येयगुणावृद्धि ६६-२२, १९९ संख्येयभागवृद्धि
६-२२, १९९ संख्येयराशि
४-३३८ संख्येयवर्षायुष्क
११-८९ संग्रह
१-८४ संग्रहकृष्टि
६-३७५ संग्रहनय ६-९९, १०१, १०४;
९-१७०; १३-४, ५, ३९, १९९ । संघवैयावृत्य
१३-६३ संघात
६-२३, १२-४८०;
१३-२६०; १४-१२१ संघातज
१४-१३४.
संघातनकृति
९-३२६ संघातनपरिशातन
९-३२७ संघातसमास ६-२३; १२-४८० संघातसमासश्रूताज्ञान १३-२६९ संघातसमासावरणीय १३-२९१ संघातावरणीय
१३-२६१ संघातिम
९-२७२, २७३ संचय
५-२४४-२७३ संचयकाल
५-२७७ संचयकालप्रतिभाग
५-२८४ संचयकालमाहात्म्य
५-२५३ संचयराशि
५-३०७ संचयानुगम
१०-१११ संज्वलन ६-४४, ८-१०; १३-३६० संज्ञ १३-२४४, ३३२, ३३३, ३४१ संज्ञा १३-२४४, ३३२, ३३३, ३४१ संज्ञी १-१५२; २५९, ७-७, १११; ८-३८६ नंदन
१४-३९, संदृष्टि
३-८७, १९७ संनिकर्ष
१२-३७५ संनिवेश
१३-३३६ संपातफल
१३-२५४ संप्राप्तित: उदय
१५-२८९ संबंध
१४-२७ संभव
१४-६७ संभिन्न श्रोता ५-५९, ६१, ६२ संयत
७-९१; ८-२९८ संयतराशि
४-४६
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