Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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(४)
अनन्तानुबन्धि विसंयोजन ७-१४
१०-२८८ अनन्तानुबन्धि ४-३३६, ६-४१
८-९, १३-३६० अनन्ताबधि
९-५१, ५२ अनन्तावधि जिन
९-५१ अनन्तिम भाग
३-६१, ६२ अनर्पित ४-४९३, ३९८; ५-४५, ८-६ अनवस्था ४-३२०, ६-३४, ५७, ६४,,
१४४, १६४, ३०३, ७-९९, ९-२६१
१०-६, ४३, २२८, ४०३, १२-२५७ अनवस्थान
७-६० अनवस्थाप्य
१३-६२ अनवस्थाप्रसंग
४-१६३ अनवस्थित
१३-२९२, २६४ अनवस्थित भागहार १०-१४८ अनस्तिकाय
९-१६८, अनाकारोपयोग ४-३९१, ६-२०७
१३-२०७ अनागत (काल)
३-२९ अनागतप्रस्थ
३-२९ अनागमद्रव्य नारक
७-३० अनात्मभावभूत
५-१८५ अनात्मस्वरूप
५-२२५ अनादि
४-४३६ अनादि अपर्यवसितबन्ध अनादिक अनादिक नामप्रकृति १६-४०४ अनादिकशरीरबन्ध
१४-४६
Millihimu
अनादिक सिद्धान्तपद ९-१३८ अनादिक पारिणामिक ५-२२५ अनादि मिथ्यादृष्टि ४-३३५, ६-२३१ अनादि बादरसाम्परायिक ७-५ अनादि सत्कर्मनामकर्म १६-३७६ अनादि सत्कर्मिक नामप्रकृति १६-३९९ अनादि सत्कर्मिक प्रकृति १६-४४१ अनादि सपर्यवसित बन्ध अनादि सिद्धान्तपद १-७६ अनादेय
६-६५, ८-९ अनादेय नाम १३-३६३, ३६६ अनावर्जितक
१६-१८९ अनावृष्टि
१३-३३२, ३३६ अनाहार १-१५३, ७-७, ११३ अनाहारक
४-४८७,८-३९१ अनिकाचित
१६-५७६ अनिधत्त १-२९४, ७-६८, ६९ अनिन्द्रिय १-२९४, ७-६८, ६९ अनिवृत्ति
१-१८४ अनिवृत्तिकरण ४-३३५, ३५७, ६-२२१, २२२, २२९, २४८, २५२, ८-४; १०-२८० अनिवृत्तिकरण उपशामक ७-५ अनिवृत्तिकरण क्षपक अनिवृत्तिकरण विशुद्धि ६-२१४ अनिवृत्ति क्षपक
६-३३६ अनिवृत्तिबादरसाम्पराय १-१८४ अनि:सरणात्मक
१४-३२८ अनिःसृत
९-१५२
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