Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 587
________________ ७-६२ ९-५८ (२९) घातक्षुद्रभवग्रहणामात्रकाल ७-१८३ चक्षुदर्श १-३७९, ३८२; १३-३५५ घातपरिणाम १२-२२०, २२५ चक्षुदर्शनावरणीय १३-३५४, ३५५ घातम्थान १२-१३०, २२१, २३१; चतुःशरीर १४-२३८ १६-४०७ चतुःशिरस् १३-८९ घातायुष्क . ९-८८ चतुःपष्ठिपदिकद्णडक १३-४४ घातिकर्म चतुःसामयिकअनुभागस्थान १२-२०२ घातिसंज्ञा १५-१७१; १६-३७७, ५३९ चतु:सामयिकयोगस्थान १०-४९४ घोरमान ६-२५७ चतु:स्थानिक १५-१७४ घोरगुण ९-९३ चतु:स्थानिकअनुभागबन्धक ६-२१० घोरतप चतु:स्थानिकअनुभागवेदक ६-२१३ घोपराक्रम चतुःस्थानिकअनुभागसत्कर्मिक ६-२०९ घोलमानजघन्ययोग १६-४३५ चतुरमलबुद्धि घोष १३-२२१, ३३६ चतुरिन्द्रिय १-२४४, २४८; ७-६५, ८-९ घोषसम ९-२६१, २६९; १३-२०३, १४-९ चतुरिन्द्रियजाति ६-६८ घ्राणानिवृत्ति १-२३५ चतुरिन्द्रियजातिनाम १३-३६७ घ्राणेन्द्रिय ४-३९१, ७-६५ चतुरिन्द्रियलब्धि १४-२० घ्राणेन्द्रियअर्थावग्रह चतुर्गति निगोद १४-२३६ घ्राणेन्द्रिय अवाय १३-२३२ चतुर्थपृथिवी ४-८९ घ्राणेन्द्रिय ईहा १३-२३२ चतुर्थस्थान ११-३१३ घ्राणेन्द्रिय व्यन्जनावग्रह १३-२२५ चतुर्थस्थान अनुभागबन्ध ११-३१३ चतुर्थसमुद्रक्षेत्र ४-१९८ चक्रवर्तित्व ६-४८९, ४९२, ४९५, ४२६ चतुर्दशगुणास्थाननिबद्ध चक्षुदर्शन ६-३३; ७-१०१, १५-१० चतुर्थपूर्वधर १५-२४४ चक्षुदर्शनस्थिति ५-१३७, १३९ । चतुर्दशपूर्वी ९-७०; १६-५४१ चक्षुदर्शनावरणीय ६-३१, ३३ चतुर्विशतिस्तव १-९६, ९-१८८ चक्षुदर्शनी ७-९८; ८-३१८ । चतुष्पद १३-३९१ चक्षुरिन्द्रिय १-२६४, ४-३९१; ७-६५ ।। चन्द्र ४-१५०, ३१९ चक्षुरिन्द्रिय अर्थावग्रह १३-२२७ चन्द्रप्रज्ञप्ति १-१०९, ९-२०६ १३-२२८ ४-१४८

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