Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 597
________________ धर्म ४-३१९; ८-९२ ध्रुवबन्धी ६-८९, ११८, ४-१७ धर्मकथा ९-२६३, १३-२०३, १४-९ ध्रुवराशि ३-४१; १०-१६८, १७०, १७३ धर्मद्रव्य ३-३; १३-४३; १५-३३ ध्रुवशून्यद्रव्यवर्गणा १४-८३, ११२, ११६ धर्मास्तिद्रव्य १०-४३६ ध्रुवशून्यवर्गणा १४-६३ धर्मास्तिकायानुभाग १३-३४२ ध्रुवस्कन्धद्रव्यवर्गणा १४-६३ धर्म्यध्यान १३-७०, ७४, ७७ ध्रुवस्थिति ११-३५० धर्म्यध्यानफल १३-८०, ८१ ध्रुवावग्रह ६-१०३ धातकीखण्ड ४-१५०, १९५ ध्रुवोदयप्रकृति १५-१५९, १६२, २३३ धान १३-२०५ धारणा १-३५४, ६-२८, ९-१४४; नक्षत्र ४-१५१ १३-३१९, २३३, २४३ नगर ७-६; १३-३३४ धारणाजिन ९-६२ नगरविनाश १३-३३४ धारणावरणीय १३-२१६, २१९, २३३ नन्दा ४-३१९ धुर्य ४-२३९ नन्दावर्त १३-२९७ धूमकेतु १४-३५ नपुंसक १-३४१, ३४२; ४-४६ ध्यातू १३-६९ नपुसकवेद ६-४७, ७-७२, ध्यान १३-६४, ७४, ७६-८६ ८-१०; १३-३६१ ध्यानसन्तान १३-७६ नपुंसकवेदभाव १४-११ ध्येय १३-७० नपुंसकवेदोपशामनाद्धा ५-१९० ८-८ . नमसंन ध्रुवअवग्रह ६-२१ नय १-८३; ३-१८, ७-६०, ९-१६२, ध्रुवउदयप्रकृति १५-११९ १६६; १३-३८, १९८, २८७ ध्रुवउदीरक १५-१०८ नयवाद . १३-२८०, २८७ ध्रुवउदीरणाप्रकृति १५-१०९ नयविधि १३-२८०, २८४ ध्रुवत्व ४-१४१ नयविभाषणता १३-२ ध्रुवप्रत्यय ९-१५४ नयान्तरविधि १३-२८०, २८४ ध्रुबन्ध ८-११६ नरक १३-३२५; १४-४९५ ध्रुवबन्धप्रकृति ८-१७; १५-१४५, ३२८ नरकगति १-२०१, ३०२, ६-६७, ८-९ ध्रुव

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