Book Title: Shatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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त्रिस्थानिक
त्रीन्द्रिय
त्रीन्द्रियजाति
न्द्रियलब्धि
त्रुटित
त्रैराशिक
त्रैराशिकक्रम
त्र्यंश
१५-१७४
१- २४२, २४८, २६४;
७-६५, ८-९
६-६८
१४-२०
१२-१६२
३-९५, ९६ १०-६३, १२०
४-४८
४-१७८
द
दक्षिण प्रतिपत्ति
३-९४, ९८, ५-३२
दण्ड ४-३०, ९-२३६, १०-३२०, १३-८४
दण्डक्षेत्र
४-४८
दण्डगत
दण्डगकेवली
दस्डसमुद्घात दन्तकर्म
७-५६
४-४८
४-२८, ६-४१२
९-२५०, १३-९, १०,
४१, २०२, १४-६
दर्शन १-१४५, १४६, १४७, १४८, १४९, ३८३, ३८४, ३८५, ६-९, ३२, ३३, ३८, ७-७, १००; १३-२०७, २१६, ३५८;
१५-५, ६
दर्शनविनय . दर्शनविशुद्धता
दर्शनमोहक्षपणा
७-१४
दर्शनमोहक्षपणानिष्ठापक
६-२४५
६-२४५
दर्शनमोहक्षपणाप्रसीपक दर्शनमोहनीय ४-३३५, ६-३७, ३८;
१०- २९४; १३ - ३५७, ३५८
८-८०
८-७९
दर्शनावरण
९-१०८
दर्शनावरणकर्मप्रकृति
१३-२०६
दर्शनावरणीय ६- १०; ८-१०; १३-२६,
२०८, ३५३
दर्शनोपयोग
दलित
दलितदलित
दशपूर्वी
दशवैकालिक
दाह
दाहस्थिति
दिवस
(३५)
दिवस पृथक्त्व
दिवसान्त
दिव्यध्वनि
दिशा
दिशादाह
मतप
दीप्तशिखा
दीर्घ
दान
१३-३८९
दानान्तराय ६-७८; १३-३८९, १५-१४
दाटत
४-२१
दारुसमान
१६-३७४, ५३९
दारुसमान अनुभाग
१२-११७
दारुकसमान
७-६३
११-३३९
११-३४१
३-६७, ४-३१७, ३९५,
१३-२९८, ३००
५-९८, १०३, ६-४२६
१३-३०६
५- १९४, ९-१२०
४-२२६
१४-३५
९-९०
१०-२६५, १२-४२८
१३-२४८
९-२३५
दीर्घहृस्वअनुयोगद्वार
११-३३३
१२-१६२
१२-१६२
९-६९
१- ९७ ९-१९०
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