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(५१२) आचरण की सौम्यता के वंश-संस्कार उनके व्यक्तित्व में जीवन्त हैं। धर्म पुरुष डॉ. हीरालाल के एकमात्र पुत्र प्रफुल्लकुमार ने अध्ययन-अध्यापन के पैतिक दाय को प्रदेश के सबसे बड़े और देश के गिने-चुने विद्यापीठों में विशिष्ट सागर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में चरम पर पहुँचाया । जीवन मूल्यों को आचरण में प्रतिष्ठित करने वाले इस दुर्लभ शिक्षक - प्रशासक ने सिद्धांत से समझौता करने के बजाय शीर्ष काम्यपद को तृण-तुषवत त्यागकर मर्यादा-पुरुष के रूप में मोदीवंश की ख्यात और धर्म-पुरुष की आचरण-शुद्ध परम्परा को प्रतिष्ठित गरिमा दी।
मोदी वंशवृक्ष
मचल
डल्ली
खेतसिंह
परसराम
रामचन्द
धनाबाई
जवाहर लटोरे कासीराम बालचन्द कालूराम परभीबाई जानकीबाई दस्सीबाई
झब्बीबाई नर्मदाप्रसाद हीरालाल ताराचन्द भागचन्द दीपचन्द लक्ष्मीचंद
रामकलीबाई प्रफुल्लकुमार कमलाबाई केसरबाई शान्ताबाई सुमित्राबाई
नीरजा
प्रदीपकुमार
सुधीर कुमार
सिद्धार्थ दिव्या
आलोक
अनिशा अंशुमान अंबुजकुमार