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[ xiv ]
विषय
खण्डचूलिका- विषयक अन्य मत का निराकरण
अङ्कास्य
अङ्कावतार
प्रवेशक
असूच्य वस्तु
कहीं अङ्क की ही कल्पना
अङ्क का लक्षण
अङ्क प्रदर्शन योग्य वस्तु असूच्य कथावस्तु का विभाग श्रव्य के भेद
स्वगत
प्रकाश
सर्वप्रकाश
नियतप्रकाश
नियतप्रकाश के भेद
जनान्तिक
अपवारित
अङ्क के अन्त में पात्रों का
निष्क्रमण
नाटक में अंङ्क का विधान
नाटक के पूर्ण इत्यादि भेदों की
अस्वीकृति
प्रकरण
प्रकरण के भेद
पृष्ठ
४२६
अङ्क की समाप्ति
४२७
अङ्क में प्रतिपाद्यवस्तु का स्वभाव ४२७ गर्भाङ्क लक्षण
४२७
४२८
शुद्ध प्रकरण
धूर्त प्रकरण
मिश्र प्रकरण
विषय
नाटिका की अभिन्नता
४१३
४२३
४२४
४२.४
४२४
४२४
४२५
४२५
४२५
४२५
४२५ प्रच्छेदक
उत्सृष्टिकाङ्क
व्यायोग
भाण
४२८
४२८
४२८
४२८
४२८
४२८
आकाशभाषित
भाण में लास्य का संयोजन
लास्य के दश अङ्ग
गेयपद
स्थितपाठ्य
आसीन
४२६ त्रिमूढक
४२६ सैन्धव
४२६
४२६
४२६
४२६
पुष्पगन्धका
द्विमूढक
उत्तमोत्तमक
उक्तप्रत्युक्त
समवकार
कपटत्रय
विद्रवत्रय
पृष्ठ
४२८
प्रहसन
अवगलित
अवस्कन्द
व्यवहार
विप्रलम्भ
उपपत्ति
भय
अनृत
४३०
४३१
४३१
४३२
४३२
४३२
४३२
४३२
४३३
४३३
४३३
४३३
४३३
४३३
४३४
४३४
४३४
४३५
४३५
शृङ्गारत्रय
४३५
समवकार की रचना में विशेष ४३६
वीथी
४३७
४३७
४३७
४३९
४४०
४४१
४४२
४४३
४४३