________________
समय पैदा हुए सभी बच्चों की सामूहिक वध की आज्ञा दे दी थी। जीसस के माता-पिता भी जीसस को लेकर बचने को भाग रहे थे।
एक रात कुछ चोर और डाकुओं ने जीसस के माता-पिता को घेर लिया-यह चोर उसी दल का थाऔर वे चोर –डाकू उन्हें लूटने और मारने को तैयार ही थे, कि उसी वक्त इसी चोर ने जब जीसस की ओर देखा, और वह बालक इतना संदर, कोमल और शदध था, जैसे कि शदधता स्वयं ही उसमें उतर आई हो, और एक अलग ही आभा उसे घेरे हुए थी। और उस बालक को देखकर उसने दूसरे चोरों को रोक दिया और कहा, 'इन्हें जाने दो। जरा इस बालक को तो देखो।' और जब उन्होंने बालक को देखा, तो सभी के सभी चोर-डाकू चकित और सम्मोहित रह गए। वे डाकू जो जीसस के माता-पिता को लूटना और मारना चाहते थे, कुछ न कर सके। और उन्होंने उन्हें छोड़ दिया।
यह वही चोर था जिसने जीसस को बचाया था। लेकिन उसे पता नहीं था कि यह वही आदमी है, जिसे उसने बचाया था।
वह जीसस से कहने लगा, 'मैं नहीं जानता कि मैंने क्या किया है, क्योंकि कोई मैंने कभी अच्छा काम तो किया नहीं है। आप मुझ से बड़ा अपराधी कहीं नहीं खोज सकते हैं। मेरी पूरी जिंदगी पाप और अपराधों से भरी हुई है ऐसे सभी पाप से जिनकी कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन फिर भी मैं प्रसन्न हूं। परमात्मा के प्रति अनुगृहीत हूं कि मुझे इतने सरल और निर्दोष आदमी के निकट मरने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।'
जीसस ने उससे कहा, 'इसी अनुग्रह के भाव के कारण ही आज तुम प्रभु के राज्य में मेरे साथ होओगे।'
जीसस के इस कथन के पश्चात ईसाई तत्वज्ञानी निरंतर विचार -विमर्श करते रहे हैं कि 'आज' से उनका क्या तात्पर्य था। उनका केवल इतना ही तात्पर्य था 'अभी।' क्योंकि धार्मिक व्यक्ति के पास कोई बीता हुआ कल नहीं होता, न ही कोई आने वाला कल होता है, वह केवल आज में जीता है। उसके लिए यह पल, यह क्षण ही सब कुछ होता है। जब उस चोर से जीसस ने कहा कि 'आज तुम प्रभु के राज्य में मेरे साथ होओगे, तो वे यह कह रहे थे, 'देखो! तुम पहले से ही वहीं हो। इस क्षण तुम्हारे अनुग्रह के भाव के कारण, और निर्मलता और निर्दोषता को पहचानने के कारण-तुम्हारे पश्चात्ताप के कारण-तुम्हारा अतीत समाप्त हो गया है। हम प्रभु के राज्य में हैं।'
धार्मिक व्यक्ति पहले से बनी हुई निश्चित धारणाओं, विचारों, सिद्धांतों द्वारा नहीं जीता है। वह तो क्षण-क्षण जीता है। उसका प्रत्येक कृत्य उसके बोध और होश से आता है। वह हमेशा तरो -ताजा, निर्मल, निर्झर की भांति स्वच्छ रहता है। उसके ऊपर अतीत का बोझ नहीं होता है।