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अपर्याप्त
जघन्य उत्कृष्ट
1
अ०
४
अ०
५
वि०
२१
अपर्याप्त
जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य
सूक्ष्म
वि०
२४
सूक्ष्म
अपर्याप्त
पर्याप्त
अ०
२०
जघन्य उत्कृष्ट
वि०
२२
पर्याप्त
जघन्य
1
अ०
२३
(890)
जल
उत्कृष्ट
भूमि
अपर्याप्त
बादर
उत्कृष्ट
T
वि०
अ०
२५
६
प्रत्येक वनस्पति
जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट
T
1.
अ०
अ०
τ
अपर्याप्त
बादर
जघन्य
·|··
वि०
३३
जघन्य उत्कृष्ट
बादर
वि०
३६
पर्याप्त
पर्याप्त
३२.
पर्याप्त
जघन्य उत्कृष्ट
अ०
३५
उत्कृष्ट
वि०
३४
अ०
४३
वि०
३७
अ०
अ०
अ०
१०
४२
४१
इस यंत्र में संज्ञाए रखी हैं, उनकी समझ इस तरह है :
अ०= असंख्य गुणा। वि० = विशेषाधिक । स० = सर्वस्तोक़ - सबसे कम ।