________________
३ नूतन महावीर-प्रतिमा
पं. जयविजयगणि-स्थापित महावीर प्रतिमा उत्तमाङ्ग विकल होने से उसे उठा कर, उसके स्थान पर यह सर्वाङ्ग सुन्दर नूतन श्री महावीर भगवान् की प्रतिमा संवत् १९५९ वैशाख सुदि १५ गुरुवार के दिन जैनाचार्य श्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजने प्रतिष्ठाञ्जनशलाका करके स्थापन की है । और पं. जयवि. जयगणि स्थापित उत्तमाङ्ग विकल श्री महावीर-प्रतिमा को प्राचीन स्मृति के लिये मंडप के दहिने ताक में कायम रक्खी है।
श्री कोरटाजी-तीर्थ ।
%D0000--
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
Surat
www.umaragyanbhandar.com