________________
मंत्री नाहड़ जुदे हैं क्योंकि उपदेशतरंगिणीकारने इनका समय १२५२ बतलाया है और ऊपर के उल्लेखों में वि०सं १२५ (वीरसं५७५) बताया है, जो दोनों के पृथक्त्व का द्योतक है। इसके निर्णय का भार हम पाठकों के ऊपर ही छोड़ देते हैं।
अफसोस है कि एक दिन जिस कोरटा की जनसमृद्धि का कोलाहल विस्तृत आकाश को भी गंजित करता था।वहाँ आज उतने कौओं का भी कलरव सुनाई नहीं देता। इसको काल कराल की कुटिल-गति नहीं तो और क्या कहना चाहिये? एक कविने ठीक ही लिखा है किजे महान् वीरोनी वसुधा पर हाक हती, फूंके जेनी पहाड फाटे कुच ते करी गया। लोहकोट जेवी जेनी फरती अजित सेना, तेना हाथ हाथी दूत देवना हरी गया ॥ विजयपताका महिमंडले उडावी जेओ, हेम हीरा माणिकना भंडार भरी गया।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com