Book Title: Kortaji Tirth ka Itihas Sachitra
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Sankalchand Kisnaji

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Page 87
________________ ( ६२ ) १४ कोरटा की वर्तमान अवस्था बाल, युवा और जरा अवस्था का चक्र जिस प्रकार मनुष्यों पर घूमता रहता है, उसी प्रकार संसार के सभी पदार्थों पर उसका चक्र भ्रमण किये विना नहीं रहता। आर्यों का पूर्व इतिहास, रोम आदि बलवान् राज्यों का इतिहास और अंग्रेजी प्रजा का इतिहास देखोगे तो पता लगेगा कि उन्नति और अवनति का चक्र बराबर घूमता ही रहा है। इसीसे माना जाता है कि जिस सांसारिक पदार्थ की एक दिन उन्नति है, उसके लिये अवनति के दिन भी नजीक ही समझना चाहिये। ____ इसी कुदरती नियमानुसार जो कोरंटक नगर एक दिन अपनी जन, धन और सुख समृद्धि से सारे भारतवर्ष को चकित करता था, और निज समृद्धि के लिये लोगों को लालायित बनाता था, वही कोरंटक आज असभ्यता, अज्ञान और निर्धनता का केन्द्र बन गया है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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