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(५८) जोगापुरावाले दला सूरतिंगने ८५१ ) देकर, नूतन मूर्तियों पर अपना नाम रखवाया । पोमावावाले हट्टा दीपा और मोटा आइदानने ६५१) देकर, प्राचीन ऋषभदेवजी की प्रतिमा स्थापन की। हरजीवाले पूनमचंद दाना पन्नाने १२५१) देकर, स्वर्ण-कलश, तथा ६२५) देकर स्वर्णदंड चढ़ाया। पोमावावाले नवलाढूंगाने १३०१) देकर, धजा आरोपण की। वन्ना-राजा नवा-वरदा भूता, भगा धूडा पीथाणी और हकमा सरजमलने वै०स०१५को नवकारसी की. वै० सु०१४ को भगा सूरतिंग ओसवालने नवकारसी की, और कोरटा-संघने अष्टाह्निका उत्सव तथा वै० सु०१३ को नवकारसी की; १३-१८
१ कोरटाजी से दक्षिण में दो कोश सिरोही स्टेट का गाँव । २ कोरटाजी से पूर्वोत्तरकोण में कोरटा जागीर का गाव । ३ जोधपुर स्टेट की जालोर हुकुमत का अच्छा माबाद कसबा जिसमें श्वेताम्बर जैनों के तीनसौ घर हैं और जो कोरटाजी से पश्चिम में ७ कोश है। ४-५ कोरटा के रहनेवाले सद्गृहस्थ ।
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