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८ मुनिराज-श्रीयतीन्द्रविजयजी महाराज ।
१ नाकोडापार्श्वनाथ, २ सत्यबो. धभास्कर, ३ श्री राजेन्द्रसूरीश्वर-जीवनप्रभा, ४ गुणानुरागकुलक-विस्तृतविवे. चन, ५ श्री धनचन्द्रसूरि-संक्षिप्तजीवनचरित्र, ६ जीवभेदनिरूपण, ७ पीतपटाग्रह-मीमांसा, ८ जैनर्षिपटनिर्णय, ९ निक्षेपनिबन्ध, १० मोहनजीवनादर्श, ११ अध्ययनचतुष्टय, १२ कुलिङ्गिवदनोद्गारमीमांसा, १३ चरित्रचतुष्टय, १४-१५ यतीन्द्रविहार-दिग्दर्शन प्रथम और द्वितीय भाग,१६ कोरटाजी तीर्थका इतिहास और १७ श्री जिनेन्द्रगुणगानलहरी; आदि हिन्दी साहित्य के पोषक तीस ग्रन्थों के आप लेखक हैं।
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