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( १० ) न्दुस्तान के सिद्धाचल, गिरनार, सम्मेतशिखर,
आबु और केशरियानाथ आदि जो परम पवित्र तीर्थ हैं, उनकी सालियाना आवक का बारह आनी हिस्सा भी इसी देश के भावुक पूर्ण करते हैं और निज देश में भी नवीन जिनमंदिर, प्रतिष्ठा, उजमना, उपधान, ज्ञानसेवा आदि सुकृत कार्यों के लिये प्रतिवर्ष हजारों रुपये खर्च करते हैं । अस्तु. २ कोरंट ( कोरटा ) नगर की प्राचीनता--
मारवाड देश में जिस प्रकार अपनी प्राचीनता का गौरव दिखाने के लिये श्रीमाल, सत्यपुर और ओसिया प्रसिद्ध है। उसी प्रकार
मारवाड में जोधपुर-स्टेट की हकुमत का यह सदर स्थान है । इसका क्षेत्रफल १८१८ वर्गमील और इसकी जन-संख्या ७२२०१ मनुष्यों की है । इसका असली नाम संस्कृत में ' सत्यपुर' और प्राकृत में 'सच्चउर' है, जो अपभ्रष्ट रूपान्तर ' सांचोर' बन गया है । यह स्थान प्राचीन और जैनतीर्थों में से एक है । जगचिंतामणि नामक प्राचीन चैत्यवंदन में 'जयउ वीर सचउरी मंडण' इन शब्दों से
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