Book Title: Kortaji Tirth ka Itihas Sachitra
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Sankalchand Kisnaji

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Page 51
________________ (२६) प्रतिमा स्थापन की। कोरटा निवासी मोखा के पुत्र कस्तूरचंद जसराज मूताने ७०१) देकर नूतन वीरप्रभु की प्रतिमा विराजमान की। हरनाथ टेकचंदने ३५१) देकर महावीर मन्दिर पर कलश चढ़ाया। पोमावा गांव के रहनेवाले शेठ खूमाजीने ६५१) देकर धजा चढ़ाई, और कलापुरा (शिवगंज) वाले रतनाजी ओसवाल के पुत्र हीरा, चेना, नवला तथा कस्तूरचंदने २८१) देकर दंड चढ़ाया।" ६ कोरटानगर की पूर्व जाहोजलाली किसी समय इस नगर में हजारों जैन और जैनेतर कुटुम्ब निवास करते थे और वे धनसम्पत्ति तथा सुखसमृद्धि में भी (श्रीपूज्य ) पदवी दी। सं० १९२५ आषाढवदि १० बुधवार के दिन जावरा (मालवा ) में मापने क्रियोद्धार किया और राजगढ़ (मालवा ) में सं० १९६३ पोषसुदि ६ गुरुबार की रात को पाठ बजे 'ॐ अहम् ' का जाप करते हुए भाप का निर्वाण (स्वर्गवास) हुमा। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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