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(६) सिंहजी ) के शासन काल में सोमा २१ क्रोड, राजा १८ क्रोड, जोगा १४ क्रोड, वर्द्धमान १४ क्रोड, नरसिंह १२ क्रोड, वदा १४ क्रोड, श्रीमल्ल ७ क्रोड, भूमच ७ क्रोड, सामंत ५ क्रोड, समधर ५ क्रोड, हरखा ५ क्रोड, गोवर्द्धन ५ क्रोड, सालिग ४ कोड, शिवदास ३ क्रोड, और नोडा ५ कोड़ आदि सम्पत्तिवाले ८० साहूकार निवास करते थे जो प्रायः सभी जैन थे। इन कोटीध्वजों के अलावा श्रीमाल में लक्षाधिपतियों की संख्या कोई कर नहीं सकता था, ऐसा एक जैनपट्टावली से पता लगता है। ___ इस प्रकार के धनकुबेर उस समय केवल श्रीमाल नगर में ही नहीं किन्तु, मारवाड के सत्यपुर ( सांचोर ), रत्नपुर, चन्द्रावती मंडोबर, थिरपुर, हस्तिकुंडी ( हथंडी), शमीपाटी (सेवाडी), नन्दगिरी (आबु), आरासण (कुंभारिया ), जाबालिपुर (जालोर), फलबर्द्धि (फलोदी), उपकेश-पट्टन (ओसिया), नन्द
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