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(४) इस को राठोड राजपूत राव जोधाजीने विक्रम सं. १५१६ ज्येष्ट शुदि ११ शनिवार के दिन बसाया था।
मारवाड देश की भूमि विशिष्ट, पवित्र और वीर प्रसूता है। इतिहास के रमणीय उद्यान में इस देशने जितना गौरव पाया है, उतना दूसरे किसी देशने नहीं पाया । इस दिव्य भूमिने उन समर-विजयी वीर योद्धाओं को जन्म दिया था कि जिन्होंने केवल अपनी आत्म-रक्षा ही नहीं किन्तु देश, समाज, धर्म और ऐतिहासिक पवित्र तीर्थस्थानों की भी रक्षा अपने जान-माल को देकर की थी।
धनसम्पत्ति, यशः गौरव और जनसमृद्धि में भी यह देश दूसरे देशों से कभी किसी प्रकार पछात रहा नहीं है। भारतवर्ष के एक कोने से दूसरे कोने तक आज जो क्षत्रिय जातियाँ, ओसवाल, पोरवाड, और श्रीमाल आदि 'जैन जातियाँ और कतिपय ब्राह्मण जातियाँ
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