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६ नूतन ऋषभदेवालय
यह मन्दिर कोरटा संघ के तरफ से नया बनाया गया है। इसकी प्रतिष्ठा श्री विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज ने सं० १९५९ में की है। इसमें मूलनायक श्रीऋषभदेवजी और उनके दोनों तरफ संभवनाथ तथा नेमिनाथ की दो कायोत्सर्गस्थ सर्वाङ्ग सुन्दर प्रतिमा स्थापित हैं, जो संवत् ११४३ की प्रतिष्ठित हैं। इन के प्रतिष्ठाकार बृहद्गच्छीय-आचार्य श्री विजयसिंहसूरिजी हैं। ये तीनों प्रतिमाएँ प्राचीन महावीर मन्दिर के कोट का सुधारा कराते समय जमीन से सं० १९११ में प्रगट हुई थीं। यह मन्दिर इन्हीं के लिये नया बना है।
श्री कोरटाजी-तीर्थ ।
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