Book Title: Gnata Dharmkathanga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text
________________
तेतली पुत्र नामक चौदहवां अध्ययन - कनकरथ की मृत्यु : उत्तराधिकारी की गवेषणा ११३ SECCCCCCCCCCcccccccccccccccccccccccccccccccccccx रायाहीणा रायाहिट्ठिया रायाहीणकजा। अयं च णं तेयली अमच्चे कणगरहस्स रण्णो सव्वट्ठाणेसु सव्वभूमियासु लद्धपच्चए दिण्णवियारे सव्वकजवट्टावए यावि होत्था। सेयं खलु अम्हं तेयलिपुत्तं अमच्चं कुमारं जाइत्तए-त्तिकट्ट अण्णमण्णस्स एयमढे पडिसुणेति २ त्ता जेणेव तेयलिपुत्ते अमच्चे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता तेयलिपुत्तं एवं वयासी।
शब्दार्थ-कालधम्मुणा संजुत्ते - मरण प्राप्त, रायाहीणा - राजा के वशवर्ती, रायाहिट्ठिया- राजाधिष्ठित-राजा के आश्रम में अवस्थित, लद्धपच्चए - लब्धप्रत्यय-विश्वास पात्र, दिण्णवियारे- लोक हितकारी परामर्शक, जाइत्तए - याचना करें। ... भावार्थ - किसी समय राजा का देहावसान हो गया। तब अधीनस्थ राजा ऐश्वर्यशाली सामंत, सार्थवाह आदि ने राजा की बड़े वैभव, सत्कार-समारोह के साथ अन्तिम क्रिया की और वे परस्पर कहने लगे-देवानुप्रियो! कनकरथ राजा ने राज्य आदि में आसक्त होने के कारण अपने पुत्रों को विकलाङ्ग कर दिया है। देवानुप्रियो! हम लोग राजा के अधीन, वशवर्ती एवं आश्रित रहे हैं। हमारे सभी कार्य राजा की अधीनता में होते रहे हैं। अमात्य तेतली पुत्र राजा कनकरथ के सभी कार्यों में, सभी भूमिकाओं में सुयोग्य परामर्शक रहा है। राजा के सभी कार्यों को उन्नतिशील बनाता रहा है। अतः यह श्रेयस्कर है कि हम अमात्य से राजकुमार की - राजा के उत्तराधिकारी की याचना करें। अर्थात् वह तेतलीपुत्र किसी राज लक्षण सम्पन्न पुरुष को चयनित कर सिंहासनासीन कराए। सभी ने इस बात को स्वीकार किया और वे अमात्य तेतली पुत्र के पास आए और उससे बोले।
. (३६) ___एवं खलु देवाणुप्पिया! कणगरहे राया रज्जे य रट्टे य जाव वियंगेइ, अम्हे (य) णं देवाणुप्पिया! रायहीणा जाव रायहीणकज्जा, तुमं च णं देवाणुप्पिया! कणगरहस्स रण्णो सव्वट्ठाणेसु जाव रजधुरा चिंतए (होत्था) तं जड़ णं देवाणुप्पिया! अत्थि केइ कुमारे रायलक्खण संपण्णे अभिसेयारिहे तण्णं तुमं अम्हं दलाहि जाणं अम्हे महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचामो।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org