Book Title: Gnata Dharmkathanga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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दसवां वर्ग - प्रथम अध्ययन
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दशम वर्ग
सूत्र-१ दसमस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंबू! जाव अट्ठ अज्झयणा पण्णत्ता तंजहा
कण्हा य कण्हराई रामा तह रामरक्खिया वसूया। · वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा चेव ईसाणे॥१॥ भावार्थ - दशम वर्ग का उपोद्घात पूर्ववत् कथनीय है।
आर्य जंबू की जिज्ञासा का समाधान करते हुए, श्री सुधर्मा स्वामी बोले कि - हे जंबू! यावत् दशम वर्ग के आठ अध्ययन बतलाए गए हैं, वे इस प्रकार हैं - १. कृष्णा . २. कृष्णराजि . ३. रामा ४. रामरक्षिता ५. वसु - ६. वसुगुप्ता ७. वसुमित्रा ८. वसुंधरा। ये ईशानेन्द्र की आठ प्रमुख देवियाँ हैं।
प्रथम अध्ययन
सूत्र-२ - पढमज्झयणस्स उक्खेवओ।
एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जुवासइ। तेणं कालेणं तेणं समएणं कण्हा देवी ईसाणे कप्पे कण्हवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए कण्हंसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए।
भावार्थ - प्रथम अध्ययन का उत्क्षेप पूर्वानुरूप, यथावत् कथनीय है। . श्री सुधर्मा स्वामी ने कहा कि - हे जंबू! उस काल, उस समय राजगृह नगर में भगवान् महावीर स्वामी का पदार्पण हुआ यावत् दर्शन वंदन हेतु उनकी सेवामें परिषद् उपस्थित हुई, धर्मोपदेश श्रवण कर पर्युपासनारत हुई। .
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