________________
है। द वर्ल्ड इज़ द पज़ल इटसेल्फ । गॉड हैज़ नॉट पज़ल्ड दिस वर्ल्ड एट ऑल, ओन्ली साइन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेन्स ।
गर्म लोहे पर हथौड़ा मारा जाए तो क्या अग्नि को लगेगी ? अनादिकाल से आत्मा को कुछ भी नहीं होता और आत्मा कुछ करता भी नहीं है। जो कुछ भी है, वह अहंकार को ही होता है ।
रोंग बिलीफ कौन करता है ?
अहंकार करता
है
I
क्या बुद्धि रोंग बिलीफ नहीं करती ?
बुद्धि के पास रोंग बिलीफ करने का रास्ता ही नहीं है ।
रोंग बिलीफ करने वाला भी रोंग बिलीफ है, और वह रोंग बिलीफ में रहकर रोंग बिलीफ करता है ।
ये सभी भ्रमणाएँ बुद्धि की वजह से हुई हैं । अहंकार खुद अंध होने के कारण बुद्धि की आँखों से चलता है और उससे संसार खड़ा हो है I
गया
कर्म का न तो आदि है, न अंत। पानी में ऑक्सीजन पहले आया या हाइड्रोजन? जड़-चेतन के मिलने से विशेष गुण उत्पन्न हो गया, कर्तापना का और उससे कर्म बंधते हैं । कर्तापना के गुणधर्म की वजह से कर्म बंधन होता है ।
जड़ और चेतन के एक-दूसरे के पास-पास आने की वजह से वे एक-दूसरे पर असर डालते हैं। जड़ का असर चेतन पर और चेतन का असर जड़ पर पड़ता है । और वास्तव में चेतन जड़ वाला हो नहीं जाता है परंतु चेतन की बिलीफ बदल जाती है, रोंग बिलीफ बैठ गई है।
जीव किन कर्मों की वजह से निगोद में रहता है ? निगोद के जीव अर्थात् संपूर्ण रूप से कर्म से आरोपित । भयंकर कर्मों की वजह से वहाँ पर हैं। वहाँ पर अभी तक एक भी कर्म छूटा ही नहीं है। यानी कि
22