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चरित्र होता है वैसा ही प्रजा अनुसरण करती है आज मंत्री परिपद के सदस्यों में ऐसे लोग भी मौजूद हैं जिनपर चोरी, डकैती, हत्या, आतंकवाद, टैक्स चोरी आदि के केश हैं फिर जनता को न्याय कहां मिलेगा प्रजातंत्र को पदलोलुपी दलबदुओं एवं भ्रष्ट राजनीतिज्ञों ने बदनाम कर दिया है। विश्वबन्धुत्व की भावना का लोप हो रहा है। भगवान महावीर के सिद्धान्त सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, त्याग, तपस्या अनेकान्तवाद को अपनाकर विश्व बन्धुत्व की भावना को साकार किया जा सकता है तथा देश में व्याप्त कुरीतियों आतंकवाद भुखमरी बेरोजगारी दहेज प्रथा भ्रष्टाचार मिलावट हिंसा झूठ, चोरी, परिग्रह आदि से मुक्ति मिल सकती है तथा संसार में विश्व बन्धुत्व की भावनाओं को बढ़ाकर महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा एवं विनोबा भावे के विश्व बन्धुत्व की भावनाओं को साकार रूप दिया जा सकता है।
-58ए/40, ज्योति नगर, खेरिया रोड, आगरा (उ०प्र०)
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